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जादुई संतरा...🍊
एक समय की बात है, एक गांव में सोनू नाम का एक छोटा सा लड़का रहता था। उसे घूमने फिरने का और नई चीजें जानने का बड़ा शौक था। एक दिन जब वह जंगल में घूम रहा था, तो उसे एक संतरे का जादुई पेड़ दिखाई देता है।

वह पेड़ बाकी पेड़ों से बिल्कुल अलग दिख रहा था। जब सोनू एक संतरे को चखता है, तो उसे अपने अंदर भरपूर ऊर्जा महसूस होती है और उसका दिमाग पहले से बहुत तेज हो जाता है।

सोनू उस जादुई संतरे का इस्तेमाल अपने खुद के फायदे के लिए करने लगा। उसे हर चीज पहले ही पता चल जाता और हर कठिन से कठिन प्रश्नों को हल कर लेता था। दूर-दूर से लोग उसकी इस प्रतिभा को देखने आते थे।

जैसे-जैसे समय बीतता गया सोनू की शक्तियां कम होती गई। पेड़ पर संतरों की चमक भी कम हो रही थी और धीरे-धीरे उनकी भी शक्तियां खत्म होने लगी थी।

जल्दी ही सोनू को यह एहसास होता है कि, वह अपनी खुद की प्रतिभा को नजरअंदाज करते हुए जादुई संतरे की शक्ति पर बहुत ज्यादा निर्भर हो गया है।

सोनू को अपनी गलतियों का एहसास होता है और वह जादुई संतरे के पेड़ के पास वापस जाता है। वह अपने लालची स्वभाव के लिए माफी मांगता है और वादा करता है कि अपनी काबिलियत का उपयोग वह अच्छे कामों के लिए करेगा। फिर अचानक से पेड़ के बचे हुए संतरों में वापस चमक आ जाती है।

उस दिन के बाद से सोनू यह समझ गया कि असली शक्ति हमारे अंदर ही होती है और हम अपनी खुद की कौशल और प्रतिभा का इस्तेमाल करके ही दुनिया में बदलाव और खुशी ला सकते हैं।