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एक अलौकिकता की खोज व दास्तान भाग ४
गरीब नृत्य पोटली जिसमें क्या क्या है मैंने देखा,
अब क्या मैं तुझे बयां करूं और क्या सुनाओ -
देखा मरते हुए शहीदों को तो आंख में आए पानी से रोई एक मां, एक बिटिया, एक स्त्री -वह सबने कूसा मुझे ही, मां रोकर कोसती हुई अभांगन बोली -तू बड़ा ज़ालिम है रे बा बिटिया भी माथा
पिट पिट हुई और सुनादी खरी खोटी,सत्री रोकर
बेहाल में -मिला उजड़ा श्रंगार तो फिर मंच पर खड़ा हुआ एक द्वंद और एक बार फिर से लेखक -और प्रशनवाचक का घमाशान द्वंद हुआ-

☝️ प्रश्नवाचक -लेखक जुबानी हुए उस द्वंद की प्रस्तुति पेशकश।।
विषय -गुनम्यादिनी गर्बिली चिड़िया 🐦।।
सुनिए उस गुनम्यादिनी चिड़िया से -मै बनी साकछी लेखक:कहो भृमणनागर कैसे आना हुआ -

प्रश्नवाचक -हे रहमतनीगार मैं चिंतित हूं,।।

लेखक: क्या मांजरा है रे राहगीर -
प्रश्नवाचक: हुजूर एक बहुत घातक व पिचिदा मांजरा है -
लेखक: हां रे भृमणनाडगर तो बता क्या मांजरा है -
प्रश्नवाचक वो हुजूर!
लेखक -हा रे प्रतिद्वंद्वी प्रश्नवादी बोलेगा -
प्रश्नवाचक: साहब वो नृत्य पोटली!
लेखक: हां तो आई थी वो!
प्रश्नवाचक: साहब उसने आपको मांजरा बाताया होगा है!;

#लेखक_प्रशवाचक_का_द्वंद _एक_गंभीर_मांजरे_पर_गुनम्यादिनीचिडिया🐦
_गोपनीय_मांजरा_एक_गुनम्यादिनी चिड़िया के
गंभीर _विषय_पर।।
एक _असभंव_प्रेम_गाथा_की_बिना_पंखो_के_ऊची_उडान_भरने_वाली_उम्मीद_की_एकमात्र_प्रेमसिद्धकी_शूनिका_तुच्छिका।।🪔🐄
© सावरिया