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तुम चले गए थे जब मुझे तुम्हारी सबसे ज्यादा जरूरत थी
नीना और रवि की प्रेम कहानी किसी परी कथा से कम नहीं थी। कॉलेज के दिनों में मिली पहली नजर का प्यार धीरे-धीरे गहरी दोस्ती में बदल गया और फिर वह दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों ने साथ में अनगिनत सपने देखे थे, भविष्य की योजनाएँ बनाई थीं, और एक-दूसरे से वादा किया था कि वे हमेशा साथ रहेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए।

नीना अपने परिवार के बहुत करीब थी, खासकर अपने पिता से। जब उसके पिता को अचानक गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा, तो उसका जीवन उलट-पुलट हो गया। नीना अपने पिता की देखभाल में लगी रही, लेकिन वह जानती थी कि इस कठिन समय में उसे रवि के सहारे की जरूरत है। वह भावनात्मक रूप से टूट चुकी थी और उसे अपने प्रियतम की जरूरत थी।

एक दिन, जब नीना अपने पिता के अस्पताल में थी, रवि ने उसे फोन किया। उसने बताया कि उसे एक महत्वपूर्ण काम के सिलसिले में शहर से बाहर जाना पड़ रहा है। नीना ने उसे समझाने की कोशिश की कि उसे अभी उसकी सबसे ज्यादा जरूरत है, लेकिन रवि ने कहा कि वह जल्दी लौटने की कोशिश करेगा। नीना का दिल टूट गया। वह जानती थी कि रवि के बिना वह इस मुश्किल घड़ी का सामना कैसे करेगी।

रवि के जाने के बाद, नीना ने अपने पिता की देखभाल अकेले की। उसने हर संभव कोशिश की, लेकिन उसकी हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती चली गई। नीना ने रात-दिन अस्पताल में बिताए, लेकिन अंततः उसके पिता ने दम तोड़ दिया। नीना की दुनिया जैसे उजड़ गई। उसके सबसे कठिन समय में, रवि उसके साथ नहीं था।

जब रवि वापस लौटा, तो वह नीना के दर्द को समझ नहीं पाया। उसने माफी मांगी, लेकिन नीना का दिल टूट चुका था। उसने रवि से कहा, "जब मुझे तुम्हारी सबसे ज्यादा जरूरत थी, तुम मेरे साथ नहीं थे। अब माफी से कुछ नहीं बदलेगा।"

नीना ने अपने पिता की यादों के साथ जीना सीखा। रवि के साथ उसका रिश्ता अब पहले जैसा नहीं रहा। वह समझ गई थी कि जीवन में कुछ घाव ऐसे होते हैं जो कभी नहीं भरते। वह जानती थी कि उसे अपने दर्द के साथ जीना होगा और आगे बढ़ना होगा।

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि प्रेम और रिश्तों में विश्वास और साथ होना बहुत महत्वपूर्ण है। कठिन समय में किसी का साथ न मिलना, दिल को गहरा घाव दे सकता है जो शायद कभी नहीं भरता।
© Kamal