व्यथा
कई बार हम अपने मन को किसी जंजीर में बांधे रखते हैं, वो भी अंजाने में और बाद में पता चलता है जिसके लिए बांध कर रखे थे ठीक उसी का उल्टा आप के साथ होता है मतलब जैसे कई बार मैंने खुद देखा है मध्यवर्गीय परिवार में स्त्रियां और बच्चे अपने आप को इसी जंजीर में बांध कर रखते हैं और मध्यवर्गीय परिवार की लड़कियां खास कर जो आंख बंद कर के अपने माता-पिता पर हर फैसला छोड़ देती है और अनजाने में अपने मन पर ताले...