विधि का विधान
*विधि का विधान*
*श्री राम का विवाह और राज्याभिषेक दोनों शुभ मुहूर्त देख कर किया गया। फिर भी न वैवाहिक जीवन सफल हुआ न राज्याभिषेक।*
और जब मुनि वशिष्ठ से इसका जवाब मांगा गया तो उन्होंने साफ कह दिया।
*"सुनहु भरत भावी प्रबल, बिलखि कहेहूं मुनिनाथ।*...
*श्री राम का विवाह और राज्याभिषेक दोनों शुभ मुहूर्त देख कर किया गया। फिर भी न वैवाहिक जीवन सफल हुआ न राज्याभिषेक।*
और जब मुनि वशिष्ठ से इसका जवाब मांगा गया तो उन्होंने साफ कह दिया।
*"सुनहु भरत भावी प्रबल, बिलखि कहेहूं मुनिनाथ।*...