...

12 views

The chariot of time
#LastTrain

रात का सन्नाटा छाया था जब मैं ट्रेन के डिब्बे में चढ़ी। मेरी आँखों के सामने जैसे इतिहास के पन्ने खुलने लगे। डिब्बे में बैठे सभी यात्री अलग-अलग ऐतिहासिक युगों की महिलाएँ थीं। एक क्षण के लिए मुझे लगा, मानो मैं किसी अदृश्य दरवाजे से निकल कर समय के भिन्न-भिन्न पड़ावों में पहुँच गई हूँ। यह ट्रेन कहाँ जा रही थी, और मैं यहाँ क्यों थी, ये प्रश्न मन में उठने लगे।

ट्रेन की पहली सीट पर एक महिला बैठी थी, गुफाओं के काल की। उसकी आँखों में आदिम जीवन की कड़ी मेहनत और संघर्ष की कहानी बसी थी। वह पत्थरों से बने औजार पकड़े हुई थी, जो अपने जीवन यापन के लिए उसका सबसे बड़ा सहारा था। उसके बच्चे उसकी गोद में थे, और उनके चेहरे पर असुरक्षा की एक अनकही कहानी लिखी हुई थी। मानो आंखो में एक अहसास लिए वो दिन से रात और रात से दिन होने का इंजतार करते थे।

आगे बढ़ते हुए, मैंने देखा कि एक महिला हड़प्पा सभ्यता से थी। उसकी साड़ी कुछ अलग तरह...