अनुशीलन की ओर…
उच्चाटन से अनुशीलन की ओर जाने का मार्ग ही सम्भवतः योग कहलाता है…आदि योगी शिव के विरक्त भाव से लेकर योगेश्वर श्रीकृष्ण के समग्र लीला जगत के केंद्र में होकर भी विकेंद्रित रहने का भाव भी योग ही है।
यही भाव तीर्थंकर महावीर में भी थे और...
यही भाव तीर्थंकर महावीर में भी थे और...