अनकही ।
कुछ लब पे थे, कुछ ख़ामोश से
कुछ दर्द था, कुछ मरहम भी थे
अपने मिले थे, पर अधुरे से
वे थे पर उनमें ,हम नहीं
ए जिंदगी तुझसे ग़म नहीं
कई मिलेंगे सबकी तरह तुम्हें
पर शायद मिले हम नही।
यह एक लड़की स्वाति की कहानी है उसकी मानसिक हालात की कहानी है।इस पुरी कहानी को हम उसी के शब्दों में जानेंगें तो चलते है उसके साथ उसके जीवन के सफर में।
मैं फिर से जन्म लेना चाहती हूं ताकि मैं उन हर खुशियों को पा सकूं जिन्हें ईश्वर ने जाने अनजाने जिनसे मुझे वंचित रखा।एक प्यारे मां बाप की जोड़ी, बहुत प्यार करने वाला भाई, बहुत परवाह करने वाला पति और प्यारे प्यारे बच्चे एक सुंदर परिवार जहां...
कुछ दर्द था, कुछ मरहम भी थे
अपने मिले थे, पर अधुरे से
वे थे पर उनमें ,हम नहीं
ए जिंदगी तुझसे ग़म नहीं
कई मिलेंगे सबकी तरह तुम्हें
पर शायद मिले हम नही।
यह एक लड़की स्वाति की कहानी है उसकी मानसिक हालात की कहानी है।इस पुरी कहानी को हम उसी के शब्दों में जानेंगें तो चलते है उसके साथ उसके जीवन के सफर में।
मैं फिर से जन्म लेना चाहती हूं ताकि मैं उन हर खुशियों को पा सकूं जिन्हें ईश्वर ने जाने अनजाने जिनसे मुझे वंचित रखा।एक प्यारे मां बाप की जोड़ी, बहुत प्यार करने वाला भाई, बहुत परवाह करने वाला पति और प्यारे प्यारे बच्चे एक सुंदर परिवार जहां...