सिया स्वयंवर निज गुण गान ✍🏻✍🏻✍🏻
भया आगमन राम लला का सिया स्वयंवर के दरबार !
लख लख राजा आकर बैठे कुछ आ बैठे राजकुमार !
जनक नंदिनी आसन बैठी रही बिलोकि स्वयंबर हाल !
एक एक आवै आकर जावै पाएं धनुष तिनको न टार !
शर्त करें केहि बीति सब पूरी, सिया लक्ष्मी मातु समान !
भीड़ छंट रही जैसे जैसे जनक राज विह्वल हुई जाय !
धनुष पिनाक उठा कर तोरे कउनो आर्यावर्त मा नाय !
परिचय...
लख लख राजा आकर बैठे कुछ आ बैठे राजकुमार !
जनक नंदिनी आसन बैठी रही बिलोकि स्वयंबर हाल !
एक एक आवै आकर जावै पाएं धनुष तिनको न टार !
शर्त करें केहि बीति सब पूरी, सिया लक्ष्मी मातु समान !
भीड़ छंट रही जैसे जैसे जनक राज विह्वल हुई जाय !
धनुष पिनाक उठा कर तोरे कउनो आर्यावर्त मा नाय !
परिचय...