online dosti
बहुत आसान है कह देना कि online वाली दोस्ती time pass होती है
पर क्यो होता है किसी के पास इतना time जो उसे ऐसे रिश्तों से गुजरना पडता है
जब साथ रहने वाले न समझ पाये कि हम चाहते क्या है उनसे ...जब मुश्किल लगने लगे अकेले ये भयावह सन्नाटा ..तब मन चल पडता है किसी ऐसे रिश्ते कि ओर जिसका कोई वजूद ही नही दुनिया की नजर मे और ढूँढ लेता है अपने मन का सुकून
कितना मुश्किल है...
पर क्यो होता है किसी के पास इतना time जो उसे ऐसे रिश्तों से गुजरना पडता है
जब साथ रहने वाले न समझ पाये कि हम चाहते क्या है उनसे ...जब मुश्किल लगने लगे अकेले ये भयावह सन्नाटा ..तब मन चल पडता है किसी ऐसे रिश्ते कि ओर जिसका कोई वजूद ही नही दुनिया की नजर मे और ढूँढ लेता है अपने मन का सुकून
कितना मुश्किल है...