आख़िर अपराध क्या है उसका ? ?
कहने को तो हम इक्कीसवीं सदी में प्रवेश कर चुके हैं। आज हमारे विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि हम चंद्रमा पर भी अपना परचम लहरा रहे हैं पर अफ़सोस आज भी कुछ रूढ़िवादी लोग हमारे बीच निवास कर रहे हैं जिनकी मानसिकता इतनी घटिया है कि बताते हुए भी ज़ुबान लड़खड़ा जाए ।
ये कहानी भी एक ऐसे ही परिवार की है जो इस तरह के लोगों की मानसिकता से पीड़ित हैं और अंदर ही अंदर घुट रहा है।
रमेश अपने माता पिता की सबसे छोटी संतान है उससे...