...

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चाहत
भाग 4


अतीत की यादो से निकलना सच मे बहुत आसान होता है क्या....
वो भी तब जब जिससे प्यार हो उसके लिए हम ज़माने से लड़ रहे होते है...

संगीता की बाते जैसे, चिराग के लिए "ढनं "से पड़े हथोडे से थी...
उसने वही बैठी, काज़ल की ओर देखा..
काज़ल, की और उसकी नज़रे टकराई...

काज़ल को चिराग ने जब पहली बार देखा था, वो उसे उतनी ही खूबसूरत नज़र आई...

पहली बार मे ही चिराग को काज़ल
सफेद चिकनकारी के कुर्ते मे वो उसे सफाक हसीन हुस्न की मल्लिका लगी थी...
उसे ये याद आया, कि घरवालों की रज़ामन्दी के लिए, वो भी उसके लिए आये, अच्छे अच्छे रिश्ते ठुकरा रही है...उसे बेहद शर्मिंदगी का अहसास का अहसास हुआ...

सहसा.. चिराग को दो रास्ते नज़र आ रहे थे...

एक संगीता की ओर जा रहा था, और दूसरा काज़ल की ओर..
ये उसे तय करना था कि, उसे क़िस रास्ते जाना है...
चिराग ने गहन विचार किया...

संगीता, काज़ल और चिराग दोनों के ही बारे मे जानती थी, पर उसे एक आस थी, शायद चिराग उसकी ओर आएगा,
प्रेम मे जिसके लिए, जो एक बार भावना आ गई वो आ गई...
वो...