BACHPAN KA VADA
CHAPTER 31
अगली सुबह कॉलेज में शेखर कैंटीन में बैठे हुए निशा का इंतजार करता है और मन में बोलता है निशा के आते ही उसे सब
कुछ बता दूंगा और उसे हमारा बचपन का वादा याद दिलाऊंगा। उधर मन में निशा सोचती है आज शेखर ने मुझे इतना जल्दी
क्यों बुलाया है।लगता है मानवी ने उसे सब बता दिया है मैं उससे मिलकर सारी बात क्लियर कर लूंगी और उसे माफी मांग
लूंगी। निशा कैंटीन में आकर देखती है शेखर उसका इंतजार कर रहा था । निशा शेखर के पास आते हुए बोलती है क्या हुआ
तुमने आज इतना जल्दी मुझे क्यों बुलाया। शेखर निशा की तरफ देखते हुए बोलता है आगे तुम बैठो मुझे बहुत जरूरी बात
करनी है। निशा बैठे हुए बोलती है अब बताओ। तभी निशा के फोन आरव का मैसेज आता है की मैरे कुछ घंटे बाद मेरा फ्लैट
है क्या तुम मुझसे मिलने आव़ोगी। आरव का मैसेज देखते ही निशा शेखर से बोलती है जो बात करनी है जल्दी बताओ मुझे
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अगली सुबह कॉलेज में शेखर कैंटीन में बैठे हुए निशा का इंतजार करता है और मन में बोलता है निशा के आते ही उसे सब
कुछ बता दूंगा और उसे हमारा बचपन का वादा याद दिलाऊंगा। उधर मन में निशा सोचती है आज शेखर ने मुझे इतना जल्दी
क्यों बुलाया है।लगता है मानवी ने उसे सब बता दिया है मैं उससे मिलकर सारी बात क्लियर कर लूंगी और उसे माफी मांग
लूंगी। निशा कैंटीन में आकर देखती है शेखर उसका इंतजार कर रहा था । निशा शेखर के पास आते हुए बोलती है क्या हुआ
तुमने आज इतना जल्दी मुझे क्यों बुलाया। शेखर निशा की तरफ देखते हुए बोलता है आगे तुम बैठो मुझे बहुत जरूरी बात
करनी है। निशा बैठे हुए बोलती है अब बताओ। तभी निशा के फोन आरव का मैसेज आता है की मैरे कुछ घंटे बाद मेरा फ्लैट
है क्या तुम मुझसे मिलने आव़ोगी। आरव का मैसेज देखते ही निशा शेखर से बोलती है जो बात करनी है जल्दी बताओ मुझे
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