एक असंभव अमर -अनन्त -श्री महाभगवत।।
यह एक असम्भव अमर -अनन्त श्री महाभगवत के अस्तित्व की आसीमता है जो कि अमर अनन्त तो है मगर श्री कृष्ण रूप में नहीं बल्कि शिव रूप में क्योंकि शिव वो है जो सबके, जिनके सब है जो अखंड अटल है क्योंकि वही इस गाथा का एक असम्भव विषय है जिन्होंने समस्त जग को अपनाया है क्योंकि वह स्वयंभू है , वह अनाथ है, जिन्होंने एक असम्भव गृंथ का निर्माण किया क्योंकि उन्होंने एक पाशाण को अपना स्थान बनाया है इसलिए वह एक असंभव अनन्त श्री महाभगवत के...