एक शब्द "मां"
एक शब्द है
जिसको मां कहा जाता है।
बहुत छोटा "शब्द"
पढ़ने में भी बिल्कुल आसान
लेकिन इस शब्द में
एक गहराई भी है,
किसी बहुत ही विशाल दरिया, समुंदर की गहराई से भी ज़्यादा
गहरी गहराई।
जिस दिन से दुनिया अस्तित्व में आई
और आज भी
जब कोई दावा करता है
कि उसने इसकी गहराई का पता लगा लिया ,
तो,
ये गहराई और भी गहरी हो जाती है
जानते हैं क्यों?
क्यूंकि
ये
प्रेम की गहराई ,
निष्ठा की गहराई,
बलिदान की गहराई,
आंखों में आने वाली नमी
की गहराई,
हल्की सी मुस्कुराहट की गहराई,
तकलीफ और दर्द कि गहराई से मिल कर बनी गहराई है,
जिसे कोई माप नहीं सकता
ये है वो गहराई।
Fayza.
© fayza kamal
जिसको मां कहा जाता है।
बहुत छोटा "शब्द"
पढ़ने में भी बिल्कुल आसान
लेकिन इस शब्द में
एक गहराई भी है,
किसी बहुत ही विशाल दरिया, समुंदर की गहराई से भी ज़्यादा
गहरी गहराई।
जिस दिन से दुनिया अस्तित्व में आई
और आज भी
जब कोई दावा करता है
कि उसने इसकी गहराई का पता लगा लिया ,
तो,
ये गहराई और भी गहरी हो जाती है
जानते हैं क्यों?
क्यूंकि
ये
प्रेम की गहराई ,
निष्ठा की गहराई,
बलिदान की गहराई,
आंखों में आने वाली नमी
की गहराई,
हल्की सी मुस्कुराहट की गहराई,
तकलीफ और दर्द कि गहराई से मिल कर बनी गहराई है,
जिसे कोई माप नहीं सकता
ये है वो गहराई।
Fayza.
© fayza kamal
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