"मानक"
"रौशनी", "अमन" और "सार्थक" तीनों स्कूल के बेस्ट फ्रेंड्स हैं। उनके घर मेरे ही एरिया में हैं। तीनों साथ पले और बड़े हुए। तीनों की दोस्ती देखते ही बनती थी, जहां भी जाते साथ जाते। पूरा एरिया ही उन्हें जान गया। कुछ इन पर कमेंट करते तो कुछ इनकी तारीफ करते। यक़ीनन एक लड़की का दो लड़कों के साथ घूमना समाज के लिए अस्वीकृत है।
पर क्योंकि मैं उन्हें बहुत करीब से जानती, इसलिए मुझे उनकी असलियत पता थी कि कितने महा शैतान हैं और सारा दिन बस धमाचौकड़ी मचाने में लगे रहते हैं, न कि गलत कामों में।
मुझे याद है जब "अमन" का एक्सीडेंट हुआ था। "रौशनी" मेरे घर के बाहर खड़े होकर दीदी-दीदी चिल्ला रही थी। मैंने बालकनी से देखा तो आंखों में आंसू, बाल बिखरे हुए, बदहवास सी थी।
मैं भागकर नीचे आई, वो इतना रो रही थी कि ठीक से आवाज़ भी नहीं निकल पा रही थी। जैसे-तैसे उसे शान्त किया और फिर पूरी बात आराम से सुनी।
रौशनी: "अमन" का एक्सीडेंट हुआ है, सब मेरी वजह से हुआ। मैं उसे बार-बार रोक रही थी। आप जल्दी चलिए, मेरे साथ।
व्हाट???????
रौशनी: हां प्लीज़ प्लीज़, किसी को पता नहीं है। मम्मी पापा को मत बताइएगा प्लीज़! और आंटी को भी, मेरी बहुत डांट पड़ेगी। प्लीज़ आप मेरे साथ चलिए अभी।
पर उसे हुआ क्या? ऐसे कैसे बेटा ? किसी को तो बताना पड़ेगा।
रौशनी: प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़...