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" मैं शब्द हूं"::::::::
हां मैं वो शब्द हूं,,
जो हर एक मनुष्य के
मुखं से बोलने वाले वर्णों ""
की एक शब्द माला हूं।
मै वो शब्द हूं जिसका कोई अंत नहीं है,
व्यक्ति के जन्म से शुरू होती मेरी यात्रा जो
व्यक्ति के मरण के पश्चात भी मेरी यात्रा जारी रहती है। उसके अच्छे और बुरे लोगो के ऊपर पड़े प्रभावों की व्याख्या करने के लिए दूसरे-तीसरे व्यक्ति के मुखं से, निकले वाला शब्द हूं।
मैं वो शब्द हूं ,
जिसकी कोई मर्यादा नहीं,
मै एक ऐसा शब्द हूं जिसको मनुष्य
कभी प्रेरणा करते हुए बोलता है,।
तो कभी मनुष्य इस शब्द को किसी
की निंदा करने के लिए बोलता है।
मै वो शब्द हूं जिसमें मनुष्य अपने सब भाव ,
नफ़रत हो या प्यार, सम्मान हो या अपमानित सब शब्द मुझमें समाये है जो मनुष्य बोलता है,।
ना मेरी गुहार है,,
ना मेरी कोई लालसा ,,
में तो समाया हूं हर जीव , में इस धरती के,।
जो मन चाहे मनुष्य रखे मुझे अपने शब्दों में क्योंकि मेरा नाम भी मनुष्य तेरी ही छवि है ,और मेरी पहचान भी अ मनुष्य
तेरे मुखं से निकले हुए अच्छे और बुरे शब्द है,

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© Karishma Gujjar🏆 motivationQT