सफ़रनामा- पुष्कर की गलियाँ और मेरी तन्हाई…
सफ़रनामा- पुष्कर की गलियाँ और मेरी तन्हाई ….
पुष्कर की गलियों में बैठा हूँ, अभी अभी कोई भाई अपनी गाड़ी घुमाकर मेरे क़रीब आया है और मेरी हेट के लिए पूछ रहा है की हुकुम आपकी ये हेट कहाँ मिल सकती है….
मैंने उसको बता दिया है...
पुष्कर की गलियों में बैठा हूँ, अभी अभी कोई भाई अपनी गाड़ी घुमाकर मेरे क़रीब आया है और मेरी हेट के लिए पूछ रहा है की हुकुम आपकी ये हेट कहाँ मिल सकती है….
मैंने उसको बता दिया है...