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आईना 🪞
सुहानी जो की एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी लड़की थी उसके घर के हालत बहुत ठीक नही थे। किसी तरह पैसे जुटा कर उसने अपनी इंटर तक की पढाई किया, क्योंकि वो घर में सबसे सुंदर और थोड़ा तेज स्वभाव की थी, उसके घर में उसकी बाकि बहने सीधी साधी थी जो प्राइवेट पढ़ती थी लेकिन सुहानी ने घर पर लड़ के रेगुलर अपनी बारवी पूरी की और अब स्नातक के लिए किसी अच्छे कॉलेज में प्रवेश लेना चाहती थी।

लेकिन अच्छे कॉलेज में प्रवेश हेतु मेरिट लिस्ट में नाम नही था और अगर नंबर अच्छे नही तो अधिक पैसा लगता था डोनेशन जो के वो भी उसके पास नही था। लेकिन सुहानी बहुत ही महत्वाकांक्षी लड़की थी। कम समय में कम मेहनत किया सब कुछ पा लेना चाहती थी। इस लिए कभी कभी रिश्तेदारों से उधार ले लेती,,

क्योंकि सुहानी समान्य परिवार से थी उसकी लालच की आदत बढ़ती ही जा रही थी जिससे उसकी माँ बहुत परेसान रहती थी और हमेशा उसके लिए चिंता सुहानी की माँ पार्वती हमेशा उसे समझाती थी कि बेटी सफलता के लिए कोई भी शॉर्ट रास्ता नही होता है। बल्कि सफलता और कामयाबी हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत और लगन लगानी पड़ती है।लेकिन उकोई फर्क नही पड़ता था।उसके शौक भी बड़े महंगे थे। श्रृंगार की चीजों से लेकर महंगे मोबाईल फोन और कपड़े खाने पीने और रहन सहन सब महंगे थे। इससे घर के लोग काफी परेसान थे

लेकिन पिता कि आमदनी इतनी अच्छी नहीं थी की की उसके सभी महंगे शौक पूरे किए जा सके।ऊपर से तीन भाई बहन और थे । पिता को उनकी भी जरुरते पूरी करनी पड़ती थी।उसने किसी तरह एक कॉलेज में एडमिशन ले लिया ।वो एक डॉक्टर बनना चाहती थी। लेकिन पैसे की कमी के कारण उसने बी.ए. में प्रवेश लिया। अब महा विधालय का पहला दिन सुहानी खूब सज सवर कर कॉलेज गई,

और क्लास लिया...