...

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तेरी मेरी कहानी
ठंडी ने बदन जकड़ रखा था।
और मैने कंबल ओढा और हाथों में
फोन पकड़ रखा था।।

मैने तो बस दिल को बहलाने के लिए किसी अजनबी की बातो का जवाब दिया था ।

क्या पता था, किस्मत की कुछ और ही साजिशे हो रही हैं और एक अजनबी को मेरी जिंदगी में लाने की कोशिशें हो रही हैं।।

सारी रात बाते हुई , कुछ उसने सुनाई कुछ मैने कहीं,
बस इसी था बातो का सिलसिला बढ़ता गया ।
और मुझपे उसके लफ्जों का असर चढ़ता गया।।

रोका नहीं बात करने से उसको , क्योंकि
मैने सोचा किसी से सिर्फ
बाते करना , गलत नहीं है।
बस यही कहकर दिल को तसल्ली दी ,
और बातो को आगे चलने दी ।

पता नहीं उसमें ऐसा क्या था ।
लेकिन मुझे भी बात करने में मजा आ रहा था
दिमाग बार बार कह रहा था ये इंसान कुछ सही नहीं,
और एक दिल है की उसकी तरफ खींचा चला जा रहा था ।

ओए मन ..............सुन ,
बाते हो रही है ,ठीक है ,मगर
गलती से भी कोई रिश्ता बनाना नहीं,
तुझे वो पसंद आ रहा है , ये बात उसे कभी जताना नहीं

जानती है न उमर तेरी कच्ची है , और
तू परिवार की सबसे बड़ी बच्ची है।।

बड़े सारे फर्ज है तेरे, मां पापा
का कर्ज भी तो चुकाना है ।
और उनकी उम्मीदों को सातवे आसमान तक पहुचना है।

ये सोचकर दिल को थाम लिया और मैंने बातो को पूर्णविराम दिया ।।

इतनी आसानी से ये दीवाना झुकने वाला कहा।
जवानी का जोश है, अब रुकने वाला कहा।।
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शायद इरादा पक्का कर दिया था ।
और जैसे ही कुछ दिन बाद unblock हुआ,
हाजिर हो गए जनाब, फिर से उसी आरजू के साथ,
और कहने लगे, शादी करेंगे , थामेगे हमारा हाथ ,
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मैं बेबाक सी उसको सुनती रही,
क्या कहूं, रात भर इसी का जवाब शब्दों मे बुनती रही।।
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ऐसी बात नहीं की, एक दम ही बहक गई थी।
मैने उसको समझने की कोशिश बहत की थी।।

मगर उसपे कुछ अलग ही खुमार ही छाया हैं।
और उसने अपनी बातो से मुझे बड़ा उलझाया है ।।
समझ ही नहीं आ रहा क्या बोलूं इस पगले से
और कैसे बचाऊं खुदको इसकी बातो के हमले से।

ये मेरी कोई भी बात मानते नहीं।
मैं इसे और ये मुझे .......... जानते नहीं।
एक इसे रिश्ते में बांधने की
कोशिश कर रहा जिसका कोई वजूद नहीं।
और सोचता है ......मैं हां बोल दू।
बिलकुल नहीं, मै इसकी तरह कोई बेवकूफ नहीं।।


कृष्णा इस confusion का कुछ तो हल कर।

जिन्दगी का फैसला है , सोच समझ कर।
दिल की सुन ले या दिमाग से हल कर।

मोहब्बत है तो उसे कुबूल कर ,
वरना जिंदगी से दफा कर।

ऐसे बातो में उलझाकर
उसका वक्त बर्बाद न कर ।।

तूने उलझन मै डाला है, कृष्णा

इस confusion का कुछ तो हल कर।
जो भी करना है, जल्द से जल्द कर।।


तेरी बातो में कुछ तो जादू है।
पहली दफा कुछ अलग सा एहसास हो रहा हैं।
मेरा दिल न जाने क्यों तेरी बातो में खो रहा है।।

ऐसा नहीं था की तुझसे पहले, दीवाने टकराए नहीं।
हकीकत तो ये थी कि उनमें से हमे, कोई भाए नहीं।

तू पहला है, जिसका अंदाज ए गुफ्तगू, भा रहा है।
पता नहीं क्यों, ये दिल
तेरी बातो की तरफ खींचा चला आ रहा हैं।
लगता है धीरे धीरे
मुझपे भी इश्क का जादू छा रहा है।।


कहानी यहां थमी नहीं।
वक्त गुजरता गया,
वो बातो के जाल बुनता गया
और मेरा दिल चुप चाप
उसकी हर बात सुनता गया।
धीरे धीरे मुझपे भी इश्क का जादू होने लगा है।
अब उसकी मीठी मीठी बातो पे, ये दिल खोने लगा है।।
गुजरते वक्त के साथ,ये दिल
उसकी बातो में कही खो गया।
और मुझे उसपे ऐतबार हो गया।।

ये दिल मेरा न रहा, एहसास होते ही दिल को थाम लिया
Krishna का नाम लिया और मैंने उसे हां मैं जवाब दिया।।
#love


© @J!Ttina