//आप के बग़ैर//
"बंज़र पड़ी है दिल की जमीं आप के बग़ैर,
अब लगता नहीं है दिल कहीं आप के बग़ैर।
मुस्कान भूलकर भी कभी लबों को न चूमती,
दुनिया अब न लग रही है हसीं आप के बग़ैर।
रुक सा गया अब ख़्वाबों के आवाजाही का...
अब लगता नहीं है दिल कहीं आप के बग़ैर।
मुस्कान भूलकर भी कभी लबों को न चूमती,
दुनिया अब न लग रही है हसीं आप के बग़ैर।
रुक सा गया अब ख़्वाबों के आवाजाही का...