प्रेम और पीडा
कल तक हसता खेलता , गहन गंभीर माहौल को अपने मृदु वचन से खुशनुमा करने वाला कमल आज स्वयं निस्तब्ध है, किंकर्तव्यविमूढ़
है उसके भविष्य के सपनों का महल आज अचानक भरभराकर जमीनदोज
हो गये है।
अपने प्रिय जीवन संगिनी के साथ जीवन के हजारों ख्वाब सजाकर रखे थे अब उनका क्या होगा । अभी अभी तो उसने जीना सिखा था
, माधवी के आने से उसका घर आंगन और जीवन महकने लगा था, उसके पहले बस सांसे
ले रहा था एक कर्ज की तरह। सोंचा, माधवी के मन की बगिया को अनगिनत फूलो से महका देगा, उसके जीवन के सूनापन मे अपने
ह्रदयांश के नन्हे, नन्ही के मधुर किलकारियों से गुंजायमान कर देगा।
यूँ तो माधवी कमल का साथ पाकर परिपूर्ण हो गई थी, कमल के मासूम शरारतो से वो आनंदित होती रहती है, एकदम बच्चों सी हरकते करके वो माधवी को हंसाता रहता है, हर घडी उसके आगे पीछे डोलता वो माधवी को बहुत प्यारा लगता था।
पर आज जब कमल बैडमिंटन खेल रहा था तो उसे चक्कर आ गये और वो वही गिर पडा,...
है उसके भविष्य के सपनों का महल आज अचानक भरभराकर जमीनदोज
हो गये है।
अपने प्रिय जीवन संगिनी के साथ जीवन के हजारों ख्वाब सजाकर रखे थे अब उनका क्या होगा । अभी अभी तो उसने जीना सिखा था
, माधवी के आने से उसका घर आंगन और जीवन महकने लगा था, उसके पहले बस सांसे
ले रहा था एक कर्ज की तरह। सोंचा, माधवी के मन की बगिया को अनगिनत फूलो से महका देगा, उसके जीवन के सूनापन मे अपने
ह्रदयांश के नन्हे, नन्ही के मधुर किलकारियों से गुंजायमान कर देगा।
यूँ तो माधवी कमल का साथ पाकर परिपूर्ण हो गई थी, कमल के मासूम शरारतो से वो आनंदित होती रहती है, एकदम बच्चों सी हरकते करके वो माधवी को हंसाता रहता है, हर घडी उसके आगे पीछे डोलता वो माधवी को बहुत प्यारा लगता था।
पर आज जब कमल बैडमिंटन खेल रहा था तो उसे चक्कर आ गये और वो वही गिर पडा,...