कुछ था तेरे मेरे दरमियान
कुछ था तेरे मेरे दरमियान
जो शायद अब नहीं...
पाने की चाहत या खोने का डर
कुछ पता नहीं....
था तेरे करीब जब दिल धड़क रहा था
हुआ जब दूर तो आंखें बरस रही थी
क्या हुआ क्यों हुआ कैसे हुआ
न जाने मन में कितनी उलझने थी....
कुछ सवाल थे मन में कुछ बातें थी दिल में
जो रह गई कुछ बाकी और कुछ अधूरी...
आया था जब तेरे करीब तो एक सुरूर सा छाया था
और लगा...
जो शायद अब नहीं...
पाने की चाहत या खोने का डर
कुछ पता नहीं....
था तेरे करीब जब दिल धड़क रहा था
हुआ जब दूर तो आंखें बरस रही थी
क्या हुआ क्यों हुआ कैसे हुआ
न जाने मन में कितनी उलझने थी....
कुछ सवाल थे मन में कुछ बातें थी दिल में
जो रह गई कुछ बाकी और कुछ अधूरी...
आया था जब तेरे करीब तो एक सुरूर सा छाया था
और लगा...