सोई हुई लॉजिक को जगाईये
(लॉजिक सो रही हैं हमारी आपकी और मीडिया की)
हम लोगों में एक कमी है जो आजकल अधिक दिख रही है,मीडिया जैसे नशे में है,कोई भी पृष्ण नहीं!
आंकड़े अलग थलग करके देख के खुश होते हैं या दुखी भी,जैसे
बेरोजगारी क्यों है? एक कारण है कि शिक्षा की गुण वत्ता अच्छी नही पर कई और बातें हैं
बेरोजगारी की दर ज्यादा क्यों है?
नेता लोग कहेंगे कि सारी विश्व मे यही हो रहा है पर हम कई और कारण...
हम लोगों में एक कमी है जो आजकल अधिक दिख रही है,मीडिया जैसे नशे में है,कोई भी पृष्ण नहीं!
आंकड़े अलग थलग करके देख के खुश होते हैं या दुखी भी,जैसे
बेरोजगारी क्यों है? एक कारण है कि शिक्षा की गुण वत्ता अच्छी नही पर कई और बातें हैं
बेरोजगारी की दर ज्यादा क्यों है?
नेता लोग कहेंगे कि सारी विश्व मे यही हो रहा है पर हम कई और कारण...