प्रेम पथ नहीं आसान रे पिया :- निखिल ठाकुर
‼️प्रेम पथ नाहीं आसान रे पिया‼️
आज जीवन का अर्थ समझा आया कि.... प्रेम क्या है.... एक मृत्यु और नये जन्म का आराम्भ... प्रेम मृत्यु ही तो है... परवाने की......जो जलकर मिट जाता है... और एक नये आराम्भ की शुरूआत करता है़....और परवाना मृत्यु तक पहुंचने के लिए ललायित है.... बेचैन है... तडप रहा है.. और शमा मे जाकर समा जाता है.. अनंत की शाश्वत नींद में. यहीं तो प्रेम है... मृत्यु... प्रेम करना है तो पहले मरना होगा... अर्थात स्वयं को खो देना होगा... स्वयं का कोई भान ही ना हो... कि तुम हो भी या नहीं... यही से...
आज जीवन का अर्थ समझा आया कि.... प्रेम क्या है.... एक मृत्यु और नये जन्म का आराम्भ... प्रेम मृत्यु ही तो है... परवाने की......जो जलकर मिट जाता है... और एक नये आराम्भ की शुरूआत करता है़....और परवाना मृत्यु तक पहुंचने के लिए ललायित है.... बेचैन है... तडप रहा है.. और शमा मे जाकर समा जाता है.. अनंत की शाश्वत नींद में. यहीं तो प्रेम है... मृत्यु... प्रेम करना है तो पहले मरना होगा... अर्थात स्वयं को खो देना होगा... स्वयं का कोई भान ही ना हो... कि तुम हो भी या नहीं... यही से...