sahabad dairy murder # Delhi ##
हर दिन बीत रही
ये निर्मम कहानी सी
न कोई किसी को समझता बेटी
न किसी रह गई अब लडली न जान से प्यारी सी
कब तक चलेगी हत्या लडली की
कब तक जुल्म होगा साथ प्यारी के
कब तक निर्भाया सी कुकर्म होगी नारी की
समय कितना बदल जाए
लेकिन न बदली तस्वीर बेचारी की
देश आजाद हुए अरसो हो गया
न बदली स्वतंत्रत जीवन रहने कि बेचारी कि
बेख़ौफ़ घूम रहा हत्यारा
कल किसको फिर बनाएगा निवाला अपने भूख का ,
वो निकल चला बनाने निशाना किसी ओर को,
न भय है,न कानून का,न लोगों का
वो निकल चला जुल्म किसी ओर का।
लाडली तड़पती रही न रहम आई हत्यारे को,
जा रही थी भीड़ तेरे किनारे से
न फर्क हुआ तेरे चीखने चिल्लाने की
नाम के लिए तू देवी है, लक्ष्मी है, रानी है,जननी है, लाडली है, प्यारी है सब संसार तूझ में बसता है
तू इस संसार में भारी है
न तू किसी कि लाडली है न किसी कि प्यारी है
बेख़ौफ़ घूम रहा अपराधी ,
इसको दो फांसी
आवाज उठानी होगी
नहीं कानून अंधा है,न होगी हत्यारे को फांसी।
फिर किसी लाडली कि होगी बारी
सब मूक बने रहेंगे
एक दिन समाप्त हो जाएगी झूठी लक्ष्मी प्यारी,
© jindagi ek safar *D.y*
ये निर्मम कहानी सी
न कोई किसी को समझता बेटी
न किसी रह गई अब लडली न जान से प्यारी सी
कब तक चलेगी हत्या लडली की
कब तक जुल्म होगा साथ प्यारी के
कब तक निर्भाया सी कुकर्म होगी नारी की
समय कितना बदल जाए
लेकिन न बदली तस्वीर बेचारी की
देश आजाद हुए अरसो हो गया
न बदली स्वतंत्रत जीवन रहने कि बेचारी कि
बेख़ौफ़ घूम रहा हत्यारा
कल किसको फिर बनाएगा निवाला अपने भूख का ,
वो निकल चला बनाने निशाना किसी ओर को,
न भय है,न कानून का,न लोगों का
वो निकल चला जुल्म किसी ओर का।
लाडली तड़पती रही न रहम आई हत्यारे को,
जा रही थी भीड़ तेरे किनारे से
न फर्क हुआ तेरे चीखने चिल्लाने की
नाम के लिए तू देवी है, लक्ष्मी है, रानी है,जननी है, लाडली है, प्यारी है सब संसार तूझ में बसता है
तू इस संसार में भारी है
न तू किसी कि लाडली है न किसी कि प्यारी है
बेख़ौफ़ घूम रहा अपराधी ,
इसको दो फांसी
आवाज उठानी होगी
नहीं कानून अंधा है,न होगी हत्यारे को फांसी।
फिर किसी लाडली कि होगी बारी
सब मूक बने रहेंगे
एक दिन समाप्त हो जाएगी झूठी लक्ष्मी प्यारी,
© jindagi ek safar *D.y*