...

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गर्व
आज मैं अपने बेटे के स्कूल जा रही हूं ।
वाद विवाद प्रतियोगिता में जज बन कर,
वो भी अपने बेटे की ही बदौलत....!!
बीतें दिनों बहुत कुछ सहना पड़ा है उसे इस डिबेट की वजह से...!!
दरअसल स्कूल की तरफ़ से उसे एक ऑप्शन दिया गया था।
हिंदी डिबेट कंपटीशन में भाग लेने के लिए ।या तो मेरा बेटा उस कंपटीशन में भाग ले सकता था या फिर मैं जज बनकर वहां उपस्थित हो सकती थी..??
मेरे बेटे ने अपना नाम उस कंप्टीशन से हटा लिया।
मीनाक्षी पत्रकारों से बातें करते-करते भावुक हो गईं।
उसने आगे कहा अभिभावक का तो फर्ज होता है। अपने बच्चों की प्रगति में सहयोग करना मग़र इतनी छोटी सी उम्र में मेरे बेटे ने जो फर्ज निभाया है।जो समझदारी दिखाया है।वो काबिले-तारीफ है।
मैं अपने बेटे का हृदय से आभार व्यक्त करती हूं।
मुझे गर्व है तुम पर बेटा कहते हुए मीनाक्षी अपने बेटे को गले से लगा लेती है...!!
किरण