कोरा कागज़
मेरी ये जिंदगी भी कोरे कागज की तरह ही हो गयी हैं
जो चाहे जैसा चाहे जब चाहे अपनी मर्जी से इस्तेमाल कर लेता है
जब मर्जी हो खुशियों के रंग भर जाते है
या जब मर्जी वो बेरंग कर जाते है
कैसे किस्से कहुँ मैं अपनी दिल की बातें
मन में क्या है मेरे कैसे मैं...
जो चाहे जैसा चाहे जब चाहे अपनी मर्जी से इस्तेमाल कर लेता है
जब मर्जी हो खुशियों के रंग भर जाते है
या जब मर्जी वो बेरंग कर जाते है
कैसे किस्से कहुँ मैं अपनी दिल की बातें
मन में क्या है मेरे कैसे मैं...