देहस्त 🖤
अपनी ताकत का अहंकार है उसको
सिसकती आँखों की नमी कैसे देखेगा
खुदा समझने लगा है वो खुद को
फिर तो वो इनसान को मिट्टी का ढेर ही समझेगा
चिड़ियाँ कॉपी जाती जब बम गोलो की धमाकों से
भला वो बाप कैसे अपनी बेटियां से झूठ बोलेगा
बस में होता तो खरीद लेता वो सारे हथियार को
वरना इस दुनियाँ से इंसानियत का पाठ खत्म हो करदेगा
सरहद पर खड़ा वो जवान बचाने चला है देश को
आस देख रही जो माँ क्या फिर अपने बेटों को देखेगा
© रौशन rosi...✍️🍁
सिसकती आँखों की नमी कैसे देखेगा
खुदा समझने लगा है वो खुद को
फिर तो वो इनसान को मिट्टी का ढेर ही समझेगा
चिड़ियाँ कॉपी जाती जब बम गोलो की धमाकों से
भला वो बाप कैसे अपनी बेटियां से झूठ बोलेगा
बस में होता तो खरीद लेता वो सारे हथियार को
वरना इस दुनियाँ से इंसानियत का पाठ खत्म हो करदेगा
सरहद पर खड़ा वो जवान बचाने चला है देश को
आस देख रही जो माँ क्या फिर अपने बेटों को देखेगा
© रौशन rosi...✍️🍁