...

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कर्म फल
सजधज कर एक दिन
मौत की शहजादी आयेगी ,
ना सोना काम आयेगा
ना चांदी आयेगी,,


जहां देखो वहां आतंक है,
क्या,?
कारण है मनुष्य के कर्म ऐसे हैं इच्छाएं ऐसे हावी हो जाती है मनुष्य पर
कि वह भले बुरे में भेद न कर पाता हैं ।
मानसिकता गिरती है इस हद तक कि
उसे योग्य और अयोग्य की पहचान न हो पाती है ।
हर एक को अपने अपने
कुकर्म के लिए दंड तो
मिलेगा ही,,
आज नही तो कल,,
कल नही तो अगले जन्म मे,

कल मेरा आऋम से घर
आना हुआ ,
क्यूंकि मेरी चचेरी बहन जोकि शादीशुदा थी खत्म हो गई ,
लम्बे समय से कैंसर ग्रस्त थी।

दो दिन बहुत ही दर्द से चीखती चिल्लाती रही,
अन्तत:शारीरिक कष्ट से मुक्त हो गई,
जाने वाले की पीछे से टीका टिप्पणी नही करनी चाहिए, परन्तु जो मै भाव कहने जा रहा हू
उसके लिए ये एक ताजा और उत्तम उदाहरण है,
क्यू कि मुझसे 2 साल छोटी थी
तो हमउम्र होने के कारण उसकी
सभी अच्छी बुरी आदतो से अवगत हू 🙏🏻
गुमान मे रहना, हर किसी से
उटपंटाग बोल जाना, अधिकांश लोग से कोई सम्बंध ना रखना, किसी के लिए खास हमदर्दी ना रखना,
पति डाक्टर है तो अहम का नशा
इसलिए अपने सुसराल वालो से भी मधुर सम्बन्ध नही थे ।
दो बच्चे है,
पिछले 6 माह से लीवर का कैंसर था मुम्बई और एम्स तक मे भी निराशापूर्ण स्थिति रही ,आखिर कल शरीर के दुखो से तो मुक्त हो गई,
लेकिन
जो तिल-तिल करके ,तड़प-तड़प कर मरी वो स्थित बहुत देयनीय थी, 🥺
क्या साथ ले गई???

अनेको लोगो की गपशप मे केवल उसकी बुराई शामिल थी

ऐसी ही एक घटना करीब
8 माह पूर्व नवंबर मे
घटित हुई

सीमा नाम की एक महिला ने एक अन्य महिला की
#प्राइवेट_फोटोज ,
और चैटिंग उसके हसबैंड, मायके और सुसराल वालो को सेंड कर दिये,
जिससे उसकी जिंदगी तहस-नहस हो गई,

मैने पिछली पोस्ट (मणिपुर) वाली मे भी जिक्र किया है
कि महिला की दुश्मन
एक महिला ही होती है
पुरुष की तुलना मे ,।

दिसम्बर 6 को सीमा के बेटे की शादी थी, कुछ झगड़ा बगैरह हुआ जैसा कि आमतौर पर शादियो मे हो ही जाता है,
जिसमे सीमा के एक पैर मे फेक्चर हो गया,
यानी खुशी के दिन दुखो का पहाड़ टूट जाना,
ऑपरेशन हुआ
पलैट डाली गई लेकिन,
जीवन भर ठीक से चल नही पायेगी,
यानी 2 माह बाद ही उसके किये का परिणाम

उसके बाद फिर दिसंबर 26
को फिर से वही गंदी मानसिकता का परिचय दिया उसने
तत्पश्चात,,,,,,

सीमा और उसके हसबैंड मे
त्रिकोणीय रिश्ते के चलते
पहले से ही नही बनती थी
इसी बात को लेकर 20 जनवरी से #divorce की प्रोसेसिंग शुरु,

तो तातपर्य ये है कि अपने कुकर्मो का भुगतान किसी को जल्दी ,किसी देर-सवेर मिलता जरूर है
अपने मद मे चूर होकर किसी की भावनाओ से खिलवाड़ ना करे

वैसे तो सीमा ( एक ब्राह्मण)
होते हुए कथा-भागवत
और सत्संग मे भाग लेती थी
लेकिन क्या फायदा ऐसे ढोंग से
जो दूसरे मनुष्य की भावना और दर्द को ना समझे

मिलना है भगवान से तो
मिल पहले इन्सान से ,
कैसे दर्शन देगा मालिक
बिन पूछे दरवान से,,✨️🙏🏻

किसी की आह मत लो
वरना बर्बाद हो जाओगे 🙏🏻🙏🏻



जैसा कि सीमा के साथ हुआ
पैर से लाचार और तलाकशुदा जीवन।
नतीजतन क्या हाथ लगा
अपने दिमाग की होशियारी को सही जगह लगाओ
किसी का भला करो तब तो आपकी महानता है वरना
पशुओ से भी गये गुजरे हो

आप सभी मित्रो को पढने के लिए धन्यवाद

🙏🏻आपका दिन शुभ हो 💞


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