तक़दीर का पासा
एक गाँव में दो भाई रहते थे लेकिन दोनों की आपस में कभी बनती नहीं थी. एक का नाम रमेश और दूसरे का नाम सुरेश था. रमेश को
अपने धन दौलत पर बहुत घमंड था और गलत काम कर पैसा कमाता था. सुरेश मेहनत मज़दूरी करके अपना एवं परिवार का गुज़र बसर करता था मिलो दूर पत्थर ढोने के लिए जाता था रोज के 100रुपये मिलते थे, उसे लेकिन हसीं ख़ुशी से रहता था,...
अपने धन दौलत पर बहुत घमंड था और गलत काम कर पैसा कमाता था. सुरेश मेहनत मज़दूरी करके अपना एवं परिवार का गुज़र बसर करता था मिलो दूर पत्थर ढोने के लिए जाता था रोज के 100रुपये मिलते थे, उसे लेकिन हसीं ख़ुशी से रहता था,...