स्त्री के त्याग की आत्मकथा
इस कहानी का सार है समाज में धर्म के नाम पर जाति के नाम पर धन के नाम पर स्त्री की सुंदरता के नाम पर
द्वापर से लेकर आज तक चली आ रही है
यह अपमानजनक स्थिति स्त्री के जीवन में हमेशा बनी रहती है
स्त्री को हमेशा से अग्नि परीक्षा देनी पड़ती है
स्त्री जमीन पर जन्म लेती वैसे ही मुसीबतें उसको चारों तरफ से घेर लेती हैं
इस बात के उदाहरण सीता ...
द्वापर से लेकर आज तक चली आ रही है
यह अपमानजनक स्थिति स्त्री के जीवन में हमेशा बनी रहती है
स्त्री को हमेशा से अग्नि परीक्षा देनी पड़ती है
स्त्री जमीन पर जन्म लेती वैसे ही मुसीबतें उसको चारों तरफ से घेर लेती हैं
इस बात के उदाहरण सीता ...