मन का माया जाल...✍️✍️✍️
हमारे शरीर में दो वस्तुएं होती है
जो हमारे जीवन में बहुत ही
महत्वपूर्ण होती है पहली होती है
आत्मा और दूसरी होती है मन।
आत्मा को सुकर्मों से शान्ति
मिलती हैऔर मन को
कुकर्मो से शान्ति मिलती है
इन दोनों के आचरण एक
दूसरे से बिल्कुल भिन्न होते हैं।
आत्मा भगवद् प्राप्ति के
पथ पर अग्रसर होती है पर मन
भगवान के सान्निध्य से दूर
भागता है परन्तु जब इसे
भक्ति रूपी कोड़े से पिटाई लगती है
तो यह घबराने...
जो हमारे जीवन में बहुत ही
महत्वपूर्ण होती है पहली होती है
आत्मा और दूसरी होती है मन।
आत्मा को सुकर्मों से शान्ति
मिलती हैऔर मन को
कुकर्मो से शान्ति मिलती है
इन दोनों के आचरण एक
दूसरे से बिल्कुल भिन्न होते हैं।
आत्मा भगवद् प्राप्ति के
पथ पर अग्रसर होती है पर मन
भगवान के सान्निध्य से दूर
भागता है परन्तु जब इसे
भक्ति रूपी कोड़े से पिटाई लगती है
तो यह घबराने...