ऐ,,काश,, मैं किसी बुढढे की तीसरी बीवी होती 😂
( ऐ,,काश,, मैं किसी बुढ्ढे की तीसरी बीवी होती,)
बात अजीब सी है 😂 लेकिन जरा गौर कीजिए मेरी बात पर,,
कहीं घूमने का प्रोग्राम बनाओ तो हजारों टेंशन पहले ही दिमाग खराब कर देती है ये समेटो वो समेटो और वापस आने पर पूरा घर साफ करो और देखो कि क्या है क्या नहीं है जो अस्त व्यस्त छोड़कर गये थे उसको ठीक करो,,,
बुढ्ढे के साथ ये सब दिक्कत नहीं आती,, क्योंकि उसके बेटे बहू होते तो पूरा घर आकर भी सजा संवरा हुआ मिलता
घर पर आते ही बच्चे कच्चे स्वागत करते,,
अभी कुछ दिन पहले किचन में काम करते हुए हाथ जल गया तो एक तो दर्द हो रहा था ऊपर से साहब की डांट पड़
रही थी कि तुम्हारा दिमाग कहां रहता है ध्यान से काम किया करो,,,
बुढ्ढा अगर होता तो दर्द में देखकर बेहाल हो जाता और प्यार से बरनोल लगाता हुआ बेडरूम तक ले जाता
कुछ काम नहीं करने देता और बस मेरी सेवा में लगा रहता
एक बात और बुढ्ढे को मैं हर हाल में खूबसूरत दिखती इनकी तरह से मीन मेख नहीं निकालता कि ये साड़ी नहीं जंच रही है मेकअप में लिपस्टिक का कलर तुम पर सूट नहीं कर रहा है और ये हेयर स्टाइल,,, नहीं यार इसको
बदलो और झुमके मैचिंग नहीं है
अरे जल्दी करो कितना देर लगाती है तैयार होने में,,,
बुढ्ढा बस निहारता रहता उसको मैं हर हाल में सुंदर लगती
साड़ी में हेमा मालिनी तो जींस में कैटरीना नजर आती
क्योंकि दो पत्नियां पुराने जमाने की मर चुकी होती तो
मैं तो उसको उर्वशी रम्भा जैसी नजर आती,,,
मैं जरा सा मुंह फुला लेती तो बुढ्ढा मिन्नतें करता और पूरा
समर्पित हो जाता मुझे मनाने में,, कांपते हाथों में मेरा हाथ लेकर मिन्नतें करता,,
इनकी तरह से नहीं कि फट से गोद में उठाकर बैड पर रख दिया और बोलते हैं कि अब बता क्या हुआ मुझे और भी काम है,,,
बुढ्ढे में तो ताकत ही नहीं होती जोर से पकड़ने की,,
किचन उसकी बहुएं संभालती और कभी यदि मैं कुछ जला
कड़ा बनाकर दे देती तो बुढ्ढा बत्तीसी चढ़ाकर प्यार से हौले-हौले चबाता रहता इनकी तरह अच्छे खासे दांत होते हुए भी दस कमियां नहीं बताता,,
सबसे बढ़िया बात ये भी होती कि तीसरी बीवी बनने पर
ना तो बच्चे पैदा करने पड़ते ना प्रेग्नेंसी और डिलिवरी का दर्द सहना पड़ता
क्योंकि दो बीवियों से भरा पूरा परिवार मिलता,,
बुढ्ढा तो फ्री होता ,,,ना तो ऑफिस का चक्कर होता और ना ही बिजनेस संभालने का,,वो रिटायर होता सभी कामों से
बस चौबीस घंटे मेरी सेवा और रोमांस करता रहता
मुझे जरा सा कुछ हो जाता तो बुढ्ढा नौ नौ आंसू रोता
उसको दो पत्नियों के खोने का दिन याद आ जाता
साहब की तरह से दस बातें नहीं बताता कि उल्टा सीधा खा लेती हो योगा ढंग से नहीं करती हो
मैं कुछ भी कविता लिखती तो बुढ्ढा पढ़कर बाग बाग हो
जाता और दस बार सीने से लगाता
इनकी तरह हंसकर मेरा मजाक नहीं बनाता,,
जब मैं गाना गाती तो बुढ्ढे को मुझमें लता मंगेशकर नजर आती वो बार बार मेरे गाने सुनता और फरमाइश करता
इनकी तरह से नहीं बोलता कि अब स्टूडियो से बाहर आ जा मैं भी काम कर रहा हूं डिस्टर्ब हो रहा है 😂
मैं जब भी मायके जाने की बात करती तो बुढ्ढा चुपचाप मेरे पीछे पीछे हो लेता
इनकी तरह नहीं कि "सब निपटाकर जाना और जल्दी आ जाना कभी वहीं पर पसर जाये "😂
आखिर कहां तक खूबियां गिनाऊं अपने सपनों के राजकुमार बुढ्ढे की,,, खैर जो हो नहीं सका
लेकिन सोचने में क्या जाता है 😂😂😂 कल्पना तो कर
ही सकते हैं
ओके बाय मेरे ड्रीम मैन बुढ्ढे ,,,
Namita Chauhan
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