...

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मुलाकात
कितना अरसा हो गया मैं उस शख्स से नहीं मिला। तो सोचा आज मुददतो बाद उससे मिल ही लिया जाए।
मैं मिला उससे, मैने उसकी आंखो में आंखे डाल कर देखा,,, यार उसकी आंखे आंसू से नम थी।
मेरे दिल ने उससे पूछना चाहा की क्या हो गया ?? रोता क्यू है?? मगर मानो मेरी जबान पर ताला लग गया हो। उसकी नाराजगी देख कर मेरे लफ्ज़ निकलने से पहले ही मानो दफन हो गए। उसकी आंखे, उसके होंठ मानो मुझसे कह रहे हो कि," क्या तुझे अब मेरी जरूरत नहीं हैं?, तू क्यों इतनी मुददतो बाद मुझसे मिलने आया है??, ऐसा कौन है जिसका तुझे सहारा मिल गया , और तूने मुझे छोड़ दिया?? , तुझे मुझपर जरा भी तरस नहीं आया??......"
और
और भी ना जाने वो मुझसे कितने सवाल करना चाह रहा था मगर चुप था।
वो वही शख्स था जिसकी खामोशी भी मेरे अंदर शोर मचा दिया करती थी।
हां
मैं आइने में खड़े उस शख्स से बात कर रहा था जिसका अतीत उसके दिल का चूरा कर गया था।
इसलिए मैने उस दिल को छोड़ दिया, उसके जवाब सुनने छोड़ दिए, उससे मशवरे लेने छोड़ दिए।
क्योंकि मैं खुद को ओर ज्यादा दुखी होते अब नहीं देखना चाहता था।।
बस इसलिए मैने उसे छोड़ दिया था
बस इसीलिए।।🥺🥺
© neha...