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"आकलन"
एक बार एक प्रोफेसर अपनी क्लास में बच्चों को एक कहानी सुना रहे थे.........

एक बार समुद्र के बीच एक बड़े जहाज पर भयानक दुर्घटना हो गयी. कप्तान ने तुरंत जहाज को खाली करने का आदेश दिया.

उस जहाज पर यात्रियों के साथ एक युवा दम्पति भी सफ़र कर रहे थे. जब लाइफबोट पर चढ़ने का उनका नम्बर आया तो देखा गया कि नाव पर अब केवल एक व्यक्ति के लिए ही पर्याप्त जगह है.

अब इस स्थिति में कुछ सोच विचार कर आदमी ने औरत को जोर से धक्का दिया और ख़ुद उस नाव पर कूद गया.

डूबते हुए जहाज पर बिलकुल मौत के मुँह में खड़ी औरत ने जाते हुए अपने पति से चिल्लाकर कुछ कहा.....

अब प्रोफेसर ने रुककर स्टूडेंट्स से पूछा – तुम लोगों को क्या लगता है, उस स्त्री ने अपने पति से क्या कहा होगा ?

ज्यादातर विद्यार्थी फ़ौरन चिल्लाये – स्त्री ने कहा होगा – मैं तुमसे नफरत करती हूँ ! I hate you ! धोखेबाज ।

प्रोफेसर ने देखा एक स्टूडेंट एकदम शांत बैठा हुआ था, प्रोफेसर ने उससे पूछा कि तुम बताओ तुम्हे क्या लगता है ?

वो लड़का बोला – मुझे लगता है, औरत ने कहा होगा – हमारे बच्चे का बहुत ख़याल रखना !

प्रोफेसर को आश्चर्य हुआ, उन्होंने लडके से पूछा – क्या तुमने यह कहानी पहले सुन रखी थी ?

लड़का बोला- जी नहीं, लेकिन यही बात बीमारी से मरती हुई मेरी माँ ने मेरे पिता से कही थी.

प्रोफेसर ने दुखपूर्वक कहा – तुम्हारा उत्तर सही है !

प्रोफेसर ने कहानी आगे बढ़ाई – जहाज डूब गया, स्त्री मर गयी, पति किनारे पहुंचा और उसने अपना शेष जीवन अपनी एकमात्र पुत्री के समुचित लालन-पालन में लगा दिया.

कई सालों बाद जब वो व्यक्ति मर गया तो एक दिन सफाई करते हुए उसकी लड़की को अपने पिता की एक डायरी मिली.

डायरी से उसे पता चला कि जिस समय उसके माता-पिता उस जहाज पर सफर कर रहे थे, उस समय उसकी माँ एक जानलेवा बीमारी से ग्रस्त थी और उनके जीवन के कुछ दिन ही शेष थे.

ऐसे कठिन मौके पर उसके पिता ने एक कड़ा निर्णय लिया और लाइफबोट पर पत्नी को धक्का देकर कूद गया.

उसके पिता ने डायरी में लिखा था – तुम्हारे बिना मेरे जीवन का कोई मतलब नहीं, मैं तो तुम्हारे साथ ही समंदर में समा जाना चाहता था. लेकिन अपनी एक मात्र संतान का ख्याल आने पर मुझे तुमको अकेले छोड़कर जाना पड़ा ,मुझें माफ़ करना .

जब प्रोफेसर ने कहानी समाप्त की तो, पूरी क्लास में खामोशी थी ।

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दोस्तों......इस संसार में अनेक सही गलत बातें हैं लेकिन उसके अतिरिक्त भी कई तरह के भ्रम हैं, जिन्हें समझना आसान नहीं. इसीलिए ऊपरी सतह से देखकर बिना गहराई को जाने-समझे हर परिस्थिति का एकदम सही आकलन नहीं किया जा सकता ।

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© JUGNU