समय और एक दूसरे के प्रति प्रेम का आभाव खोते रिश्ते
आज के बदलते समय मे व्यक्ति चाँद तक पहुँच गया हैं हर सुख सुविधा से संपन्न होता जा रहा हैं
1* लेकिन नही हैं किसी के पास बो हैं समय और वफादारी और प्यार चाहते सभी एक दूसरे से हैं की बो मुझे प्यार करे मुझसे वफा करे पर करता कोई किसी से नहीं अन्दर से सभी खाली हैं
इसी चीज के चलते न जाने कितने रिश्ते टूट चुके हैं और न जाने कितने टूटने के मोड़ पर हैं
2* मन का भटकाव
इंसान की फिदरत होती है दो नाव की सवारी करने की
एक कारण यह भी हैं कि जो अपने पास हैं उसमें संतुष्टि नहीं हैं लेकिन पराई स्त्री के प्रति आकर्षण लगाव ज्यादा देखने को मिलता हैं बेहतर की चक्कर मे बेहतरीन खो देते हैं
3* रिश्तों मे संतुलन
जब तक रिश्तों मे संतुलन रहता हैं रिश्ते बरकरार रहते हैं
जहाँ से रिश्तों मे संतुलन बिगड़ना शुरू होता हैं
वही से रिश्ते खोखले होना शुरू हो जाते हैं...
1* लेकिन नही हैं किसी के पास बो हैं समय और वफादारी और प्यार चाहते सभी एक दूसरे से हैं की बो मुझे प्यार करे मुझसे वफा करे पर करता कोई किसी से नहीं अन्दर से सभी खाली हैं
इसी चीज के चलते न जाने कितने रिश्ते टूट चुके हैं और न जाने कितने टूटने के मोड़ पर हैं
2* मन का भटकाव
इंसान की फिदरत होती है दो नाव की सवारी करने की
एक कारण यह भी हैं कि जो अपने पास हैं उसमें संतुष्टि नहीं हैं लेकिन पराई स्त्री के प्रति आकर्षण लगाव ज्यादा देखने को मिलता हैं बेहतर की चक्कर मे बेहतरीन खो देते हैं
3* रिश्तों मे संतुलन
जब तक रिश्तों मे संतुलन रहता हैं रिश्ते बरकरार रहते हैं
जहाँ से रिश्तों मे संतुलन बिगड़ना शुरू होता हैं
वही से रिश्ते खोखले होना शुरू हो जाते हैं...