सपनों का दाह संस्कार
मैंने एक सपना देखा था, सपना छोटा सा था, बच्चा सा था, बिल्कुल नवजात। फिर मैंने उसका ख़याल रखना शुरू किया। धीरे-धीरे सपना बढ़ता चला गया। दरअसल, सपने की खास बात यह है कि सपने देखने में कोई मेहनत, कोई पैसा नहीं लगता। बस बेतहाशा देखते जाओ। और एक सपना पूरा हो जाए, तो दूसरा देखो। नहीं पूरा हो, तो कोई और सपना देखो, लेकिन देखना बंद मत करो, क्योंकि सपने देखना ही इंसान को जीवित रखता है। आपको आपके जीवन का उद्देश्य पता चले या न चले, लेकिन सपना देखना आपको एक अलग अनुभव और उमंग से भर देता है। और कभी-कभी, सपने इंसान को जीने की उम्मीद दे जाते हैं।
इंसान से अगर सपने देखने की शक्ति छीन ली जाए, तो वह मर जाएगा। सपने देखना दो तरह का होता है—खुली आँखों से और बंद आँखों से। बंद आँखों से देखा हुआ सपना कभी-कभार, और वह भी इत्तेफाक से, पूरा होता है। लेकिन खुली आँखों से देखा...
इंसान से अगर सपने देखने की शक्ति छीन ली जाए, तो वह मर जाएगा। सपने देखना दो तरह का होता है—खुली आँखों से और बंद आँखों से। बंद आँखों से देखा हुआ सपना कभी-कभार, और वह भी इत्तेफाक से, पूरा होता है। लेकिन खुली आँखों से देखा...