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दो दिलों का प्यार ( भाग - 13 )
अदिति बहुत शर्मिंदा महसूस कर रही थी, की उसने नशे की हालात में क्या-क्या नही कहा प्रेम को। तो उधर दूसरी तरफ प्रेम सोच में पड़ गया, कि आख़िर ये कैसे हो सकता है में प्यार अंजलि से करता हूँ और अदिति मुझसे.... मैंने अदिति को कभी उस नज़र से देखा ही नही। अदिति ने जो खेल बिगाड़ा है अब तो उसी को ही ठीक करना पड़ेगा। इसके लिए अदिति उस कंपनी को छोड़ने के लिए तैयार हो जाती है, यह बात किसी न किसी तरह से प्रेम को पता चल जाता है, पर वो उसे दोबारा कॉल नही करता, वो अच्छी तरह अदिति की मन की बात जान लेता है, की उसने जो कुछ किया अब ऐसे में उसका कंपनी में आना उसके लिए बहुत मुश्किल होगा। यह सोचकर वो उसे कंपनी में आने की लिए नही बोलता। खेर अब अदिति का कोई मकसद नही रह गया कि वो अंजलि को अब दोबारा परेशान करें। वो हमेशा के लिए प्रेम और अंजलि की ज़िंदगी से चली जाती है। अंजलि को जब यह बात पता चली की वो अब दोबारा अदिति के साथ काम नही कर पाएंगी, तो उसे बहुत बुरा लगता है पर हालांकि उसे यह बात अभी तक पता नही चलती की क्यों अदिति ने कंपनी छोड़ा। धीरे-धीरे दिन निकलता गया, और वो बात पुरानी होती गई। प्रेम बहुत तेज़ी से अपनी तैयारी पर लगा हुआ था, क्योंकि कल ही अंजलि का जन्मदिन है, और वो अपनी दिल की बात कहने के लिए बहुत उत्सुक था, finally चलो प्रेम को कोई लड़की तो पसंद आई यह बात प्रेम की मम्मी से सुनने को मिलती है, क्योंकि प्रेम अपनी मम्मी को सबकुछ बता देता है, उसकी मम्मी जोकि लंदन में है, और कुछ दिनों में वो इंडिया आ जाएंगी। अब तो प्रेम का रात कटना भी बहुत मुश्किल हो गया था। तो वहीं दूसरी और एक बार फिर से अंजलि की तबियत बुरी तरह ख़राब हो जाती है जिसको लेकर अंजलि को तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती करवाना पड़ता है। अंजलि की यह हालत देख उसकी मम्मी पापा बहुत परेशान हो जाते है। तभी डॉक्टर उनको बुलाते है और दुख व निराशा से भरी आवाज़ में कहते है कि I am sorry पर अंजलि के पास बस कुछ महीने या साल ही पड़े है, उसका ब्रेन ट्यूमर ठीक होने के बजाय और बिगड़ता ही जा रहा है। ऐसे में अगर उसे इस बात का पता न चले तो बेहतर होगा। अभी हम उसे यहीं पर रखेंगे जब उसे होश आ जाएगा, तब हम उसे डिस्चार्ज कर देंगे।

To Be Continued.......