दो दिलों का प्यार ( भाग - 13 )
अदिति बहुत शर्मिंदा महसूस कर रही थी, की उसने नशे की हालात में क्या-क्या नही कहा प्रेम को। तो उधर दूसरी तरफ प्रेम सोच में पड़ गया, कि आख़िर ये कैसे हो सकता है में प्यार अंजलि से करता हूँ और अदिति मुझसे.... मैंने अदिति को कभी उस नज़र से देखा ही नही। अदिति ने जो खेल बिगाड़ा है अब तो उसी को ही ठीक करना पड़ेगा। इसके लिए अदिति उस कंपनी को छोड़ने के लिए तैयार हो जाती है, यह बात किसी न किसी तरह से प्रेम को पता चल जाता है, पर वो उसे दोबारा कॉल नही करता, वो अच्छी तरह अदिति की...