...

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माँ के बिना दुनिया क्या है?
कल तक घर की लाडली थी मैं, पर आज सबको चुभती हुं मैं!
कल तक सबकी खुशियाँ थी मैं, पर आज खुशियों के लिए तरसती हूँ मैं!
कल तक मागती दो थी और मिलता चार था पर आज हर एक चीज को तरसती हूं!
ये वक्त कितना बिचित्र है!कब क्या कर जाएगा कोई नहीं जानता है!
कल तक जिनके गोद में मेरी दुनिया थी, और आज वो दुनिया छोड़कर हमे हमेंशा के लिए छोड़ कर चली गई!! 😭😭😭😭😭
© Anishtha priya Agarwal🙏🙏🙏
😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭