माँ के बिना दुनिया क्या है?
कल तक घर की लाडली थी मैं, पर आज सबको चुभती हुं मैं!
कल तक सबकी खुशियाँ थी मैं, पर आज खुशियों...
कल तक सबकी खुशियाँ थी मैं, पर आज खुशियों...