सम्मान
एक बार की बात है। एक राज्य के राजा अपने गुरु एवं राज्य के राजपुरोहित का बहुत सम्मान करते थे। जब भी वह आते राजा स्वयं अपने सिंहासन से उठकर उनका सम्मान करते थे।
एक दिन राजा कहने लगे कि गुरुदेव,मेरे मन में एक प्रश्न है। प्रायः लोग कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति किसी विषय का ज्ञानी है तो यह मायने नहीं रखता कि वह निजी या सार्वजनिक जीवन में कैसा आचरण करता है एवं समाज को उसके ज्ञान के कारण किसी भी परिस्थिति में उसका सम्मान करना चाहिए। कृपया मुझे बताएं कि किसी व्यक्ति का आचरण बड़ा होता है या ज्ञान?
राज पुरोहित कहने लगे कि राजन् मुझे कुछ दिनों का समय दें। मैं कुछ समय बाद आपको इस प्रश्न का उत्तर दूंगा। राजा मान गया। बात आईगई हो गयी।
कुछ महीने बाद राजा के दरबार में वार्षिकोत्सव का आयोजन हुआ। परमसुंदरी राजनर्तकी...
एक दिन राजा कहने लगे कि गुरुदेव,मेरे मन में एक प्रश्न है। प्रायः लोग कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति किसी विषय का ज्ञानी है तो यह मायने नहीं रखता कि वह निजी या सार्वजनिक जीवन में कैसा आचरण करता है एवं समाज को उसके ज्ञान के कारण किसी भी परिस्थिति में उसका सम्मान करना चाहिए। कृपया मुझे बताएं कि किसी व्यक्ति का आचरण बड़ा होता है या ज्ञान?
राज पुरोहित कहने लगे कि राजन् मुझे कुछ दिनों का समय दें। मैं कुछ समय बाद आपको इस प्रश्न का उत्तर दूंगा। राजा मान गया। बात आईगई हो गयी।
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