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Zindagi ek Paheli Part 4
आज सुबह जूही जल्दी तैयार हो कर अभिनव के साथ काॅलेज चली गई। मुझे जब तक वो दोनों घर नहीं बहुत टेंशन हो रही थी। 12:00 बजें वो दोनों घर आऐ जूही आते ही अपने कमरे में चली गई तो मैंने अभिनव से पूछा कि क्या हुआ वहां तो उसने कहा
"जूही ने कल कॉलेज में बहुत बड़ा झगड़ा किया है, बात मार पीट तक पहुंच गई थी, इसीलिए प्रिंसीपल ने इसे एक हफ्ते के लिए संस्पेंशन लेटर देकर वापिस भेजा है"
"अब मैं क्या करूं कैसे समझाऊं इसे"
"देखो माना मेरी और जूही की अच्छी बनती है लेकिन मैं कभी उसके पापा की जगह नहीं ले सकता, वो हमेशा से ही पिता के प्यार को तरसती रही है और शायद इसीलिए वो ऐसी हो गई है, खैर तुम ये सारी बातें मत सोचने लग जाना, उसे कुछ टाइम दो वो ठीक हो जाएगी, मैं चलता मुझे घर जाना है थोड़ा कम है फिर मिलते है"
अभिनव तो चला गया लेकिन मेरे मन में बहुत से सवाल छोड़ गया। उसकी बातें मुझे फिर उसकी यादों में ले गई उसी मंजर पर ले गई जहां से मेरी जिंदगी ने नया मोड़ लिया था।
जब मैंने निखिल से प्यार किया था।
निखिल मुझे पहले से ही अच्छा लगता था लेकिन उसके अंदर आ रहे बदलाव को देखकर मुझे लगता था कि वो मेरे लिए अपने आप को बदल रहा है। लगे भी क्यों ना मेरी केअर भी करता था। पूरा दिन उसी के बारे में सोचती और जब वो सामने होता तो एक टक उसे ही देखती रहती।
उस दिन उसके बर्थ डे पार्टी की तैयारियों चल रही थी। मैं वो दिन कभी नहीं भुल सकती 21 जनवरी उसका बर्थ डे।हम सब ने उसे रात...