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शरीर मैली हो सकती है पर रूह कभी मैली नहीं होती
ये स्टोरी है नाजिया की जो दिखने में बहुत खूबसूरत और व्यवहार में सबका
आदर करने वाली है
और अपने घर की जान है
अभी अभी नाजिया की बड़ी बहन का निकाह हुवा
अब वो थोड़ा अकेलापन महसूस करने लगती है
उसकी एमएससी अभी अभी कम्प्लेट हुई
है वो सोच ही रही थी की अब मैं क्या करू तभी उसकी सहेली नेहा आयी
उसने कहा यार मैं स्पोकन इंग्लिश जॉइंन की हु तू भी कर ले ना
मुझे भी कम्पनी मिल जाएगी और तुझे भी तो विदेशी दूल्हा चाहिए न
तो इम्प्रेस करना है न सो तुभि सिख ले काम आएगा आगे
नाजिया नेहा को हां बोल देती है
और वोभी अगले दिन क्लॉस के लिए रेडी हो जाती है
तभी जब वो क्लास में एंटर करती है तब उसकी नजर एक लड़के पर पड़ती है
और वो अपनी नज़र हटा ही नहीं पाती
उससे एहसास होता है की इससे पहले उसके साथ ऐसा कभी नहीं हुवा
नज़रे बार बार उसे देखना चाह रही थी
वो चाह कर भी खुद को रोक नहीं पारही थी
दिल में अजीब अजीब ख्याल आने लगे
लेकिन वो अलग सा था बहुत अलग
वो हमेशा दोस्तों के बिच मस्ती मजाक किया करता था पर कभी किसी लड़की से बात करते नहीं देखा
नाजिया खुद को समझा नई पाती की उसके साथ हो क्या रहा है
वो बस उसकी खयालो में खोयी खोयी रहती है
उसका नाम था जावेद
वो था बहुत स्मार्ट लेकिन लड़कियों से बहुत दूर रहता था

नाजिया उसे देखते रहती थी हर् दिन वो और भी सज सवर कर जाया करती थी
जावेद के लिए
की कभी तो उसकी नज़र उसपे भी पड़े
इसी तरह तीन महने बीत गए
इधर नाजिया अपने दिल दिमाग में जावेद को बसा बैठी है
पर जावेद है की उसे इस बात की खबर ही नहीं
क्लास के बाकी लोग नाजिया से दिललगी करते रहते
उसे इम्प्रेस करने के लिए उसके पीछे घुमा करते
पर नाजिया तो जावेद को दिल दे बैठी थी
वो किसी और को कैसे दे बैठती
नजिया का मनं अब घर के कामो में नहीं लगता
बस सोचते बैठी रहती घंटो
अम्मी ने एक दिन पूछ ही लिया नाजिया बेटा हुवा क्या है कोई परेशानी है बेटा कितने दिनों से देख रहे तू बदली बदली सी लगती है
नहीं अम्मी कोई बात नही है बस अब आपा नहीं है ना अब तो उनकी कमी महसूस होती है
तो हो आना बेटा आपा के घर वो वैसे भी तुझे कब से बुला रही है
तुझे भी अच्छा लगेगा
ठीक है अम्मी मैं आपा के घर हो आती हु
नाजिया जब अपनी आपा के घर पहुँचती है तो जावेद को देख कर वो अचंभित हो जाती है
और अपनी आपा से पूछती है ये यहाँ कैसे
तब नाज़ बताती है की वो उसके जीजा जी के
बुवा के लड़के है तब नाजिया गौर करती है की आपा के निकाह के वक़्त तो वो जावेद को देखि नहीं
आपा से घंटो बात करने के बाद नाजिया ने जावेद के बारे में पूछा
तब नाज़ ने बताया की जावेद की निकाह है अगले महने, यहाँ वो शॉपिंग करने ही आया था
नाजिया का दिल काच सा बिखर पड़ा
जिस्सके सपने वो देखा करती थी वो किसी और का होने जा रहा
नाजिया अगले ही दिन घर जाने की जिद्द कर बैठती है और वो अपने घर आजाती है
अगले दिन सुबह उसकी b अम्मी कहती है की तुम्हे देखने लड़के वाले आरहे तो तुम आज क्लास मत जाना
नाजिया को अब कुछ समझ ही नहीं आरहा की हो क्या रहा
तभी नाजिया चाय लेकर वहां जाती है और सबको ये रिस्ता पसंद आजाता है और रिस्ता पक्का कर दिया जाता है
नाजिया ने उस सकस का चेहरा भी नही देखा
अगले दिन नाजिया की जिससे निकाह होने वाली थी वो सकस आया और नाजिया को शॉपिंग करने के लिए उसकी अम्मी बुला रही है बोल कर वो उसको साथ ले आया
नाजिया को कुछ समझ में नहीं आरहा था
वो लड़का उसे एक घर में ले गया जहा कोई नहीं था
तब उसने अपने क्लास के लड़कों को देखा वो डर गयी
बोली तुम मुझे कहा लाये हो
तब वो लड़के उसके साथ गलत करने लगे
और नजिया पूरी तरह बेहोश हो गयी उसे जब होश आया तो वो लड़का जिससे उसका निकाह होने वाला था
वो वहा नहीं था और क्लास के लड़के ने बताया की कबसे प्लान कर रहे थे पर तुमतो हाथ में ही नहीं आरही थी
उसे बहुत टॉचर किया और पुलिस के पास ना जाने की धमकी दी
नाजिया जैसे तैसे खुद को संभालती हुई घर पहुंची
तो उसे उसके अम्मी ने बताया की लड़के वालो ने ना कह दिया अभी उसकी अम्मी का फोन आया था
नाजिया को समझ नहीं आरहा था की वो कहे भी तो क्या कहे
वो किसी से कुछ कहने के हालत में ही नहीं थी बस गुमसुम सी बैठी रहती थी
तब दो महीने बीत गए इसी तरह
उसकी अम्मी ने बताया की उनकी दूर की रिस्तेदार की बुवा का भतीजा है
जिसके लिए नजिया को उन्होंने पसंद किया है तो इसी महीने के आखिरी तारिक से पहले इनकी निकाह करा दी जाती है
नाजिया अवसाद में पहुंच गयी थी
आखिर उसके साथ ऐसा हुवा क्यों सोच सोच क्रर पागल होरही थी
रोना तोो बहुत चाहती थी पर कर भी क्या सकती थी किसी को बता भी नई सकती थी
निकाह में नाजिया ने कुबूल है कहा पर उसे होश ही नहीं
रात में जब उसके सौहर आये तब
उसने कहा मुझे सब पता है
शरीर मैली हो सकती है पर रूह कभी मैली नहीं होती
और मैंने तुम्हारे रूह से मोोहब्त की है शरीर से नहीं
नाजिया ने ये सब सुन जब आंखे ऊपर उठआया तो मुस्कुराता हुवा जावेद का चेहरा नज़र आया
वो फुट फुट कर रोने लगी
किसमत में जो हमारे होते है उन्हें कोई छीन नहीं सकता और सच्ची मोह्हब्ब्त रूह से होती है शरीर से तो बस आकर्षण होता है

priyanka sahu