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कोमल मन
आज आपके सब के लिए एक कहानी लाया हूँ।

आप सबको पसंद आयेगा या नही ये तो मुझे पता नही लेकिन एक सच्चाई है आज के ज़माने की इसमें रोमांस तो नही होगा लेकिन आपकी अपनी जिंदगी की कहानी लगेगी।

आपके अपने परिवार की आपके बच्चों की  होगी बस थोड़ी सी अलग थोड़ी हट की आपकी अपनी सी लगेगी।

ये कहानी एक परिवार की है जिसमें एक माँ  और पिता अपने बच्चों  की ख़ुशी के लिए कभी  भी खुद की परवाह नही करते है।

एक माँ  बाप अपने बच्चों की खुशियों के साथ उसे संस्कार और जिंदगी जीने का तजुर्बा भी देते है।

ऐसी ही खट्टी मीठी नोक झोंक के साथ ये कहानी आगे
दौड़ेगी या नही लेकिन चलते रहेगी।

अपने लिविंग रूम में सोफे पर एक औरत बैठी थी और बोल रही थी
अरे मेरा प्यारा राजा बेटा!!

सुमि अपने बड़े बेटे को लाड़ दुलार करते हुए।

नही मम्मा हम आपके हैं राजा बेटा नही हैं ।

आप तो  बस छोटे को प्यार करती हैं मुझे नही,
जाइये आप मुझे छोड़ दीजिए।

अच्छा मम्मा एक को प्यार करती है और एक को नही।

सुमि पूछती है अपने बड़े बेटे से।

वो गुस्से में नही एक दम नही।

सुमि बिस्किट का डब्बा लेकर हाथ में कहती है अच्छा बताओ तो इस बिस्किट के डब्बे को खोल कर किसे तुम ज्यादा प्यार करोगे और किसे तुम कम।

सारे तो एक जैसे हैं न।

सुमि का बड़ा बेटा बात बात पर नाराज हो जाता है और हो भी कैसे न।

उसका कोमल मन ही तो है न।

आपको दिखता नही है की आप बस छोटे को प्यार करते हैं।
आप सब मुझे कहानी का कोई अच्छा सा नाम बता देंगे प्लीज प्लीज........
वैसे मैने कोमल मन रखा है
अल्पश.....