STREE TU CHAL
I want to start my article with a few stanzas from a very magnificent masterpiece said by Mr Amitabh Bachchan:
जो तुझ से लिपटी बेड़ियाँ
समझ न इनको वस्त्र तू
जो तुझ से लिपटी बेड़ियाँ
समझ न इनको वस्त्र तू
ये बेड़ियां पिघल के
बना ले इनको शस्त्र तू
बना ले इनको शस्त्र तू
चरित्र जब पवित्र है
तोह क्यों है ये दशा तेरी
चरित्र जब पवित्र है
तोह क्यों है ये दशा तेरी
ये पापियों को हक़ नहीं
की लेँ परीक्षा तेरी
की लेँ परीक्षा तेरी.
तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हताश है तू चल, तेरे वजूद की
...
जो तुझ से लिपटी बेड़ियाँ
समझ न इनको वस्त्र तू
जो तुझ से लिपटी बेड़ियाँ
समझ न इनको वस्त्र तू
ये बेड़ियां पिघल के
बना ले इनको शस्त्र तू
बना ले इनको शस्त्र तू
चरित्र जब पवित्र है
तोह क्यों है ये दशा तेरी
चरित्र जब पवित्र है
तोह क्यों है ये दशा तेरी
ये पापियों को हक़ नहीं
की लेँ परीक्षा तेरी
की लेँ परीक्षा तेरी.
तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हताश है तू चल, तेरे वजूद की
...