हमारी मां(७)
अगले दिन प्रकाश भैय्या सूर्यकांत मामा को लेकर आए।वे सीधे-सादे ,शर्ट-पैंट पहने,सर पर सफेद महाराष्ट्रीयन टोपी लगाकर ,दुबले-पतले सांवले रंग के थे।वे जैसे ही अंदर आए,उन्होंने कहा हमारा सबसे छोटा भाई तभी गुजर गया था।मैं नहीं मानता कि आप मेरी बहन हो।"मम्मी चिल्लाने और रोने वाले अंदाज में बोलीं"सारा गांव के लोग मान गये हैं हर कोई कह रहा है तुम गंगाबाई जैसी दिखती हो।फिर आप क्यों नहीं मान रहे हैं?" क्या मैं आपके मां जैसी नहीं दिखती हूं?" उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया।सभी ने कहा पर वे माने नहीं।तभी अचानक मम्मी ने पूछा"क्या आप चंद्रकांत मास्टर को जानते हैं?"प्रकाश भैय्या ने भी कहा,हां!जब से आंटी आईं हैं यही नाम ले रही हैं।"
सूर्यकांत मामा...
सूर्यकांत मामा...