ये दोस्ती
एक ऐसा एहसास जो छूकर गुज़रा है
हर दिल को कभी ना कभी,जहाँ वक़्त
की नहीं थी कोई परवाह और क्या खूब
गुज़रते थे दिन रात।जहाँ ना करने की नहीं
थी गुंजाईश क्यूंकि काम के लिए मना करने वाला जानता...
हर दिल को कभी ना कभी,जहाँ वक़्त
की नहीं थी कोई परवाह और क्या खूब
गुज़रते थे दिन रात।जहाँ ना करने की नहीं
थी गुंजाईश क्यूंकि काम के लिए मना करने वाला जानता...