मेरी महोब्त 2
आपने मेरी पहली कहानी मैं पढ़ा था कि मेरी क्लास में दो ग्रुप बन जाते हे और दोनों ग्रुप् मैं एक लड़की के लिए बहुत लड़ाई होती हे वो लड़ाई प्रिन्सिपल सर तक पहुच जाती हे और हम सभी स्कूल से निकलने से बच जाते हे और उस लड़की को मालुम हो जाता हे और वो मुझसे पूछने आती हे कि लड़ाई क्यों करी तो मैं उसे बता देता हूँ कि मैं उसे प्यार करता हूँ तो अब आगे,......../
मै घावरा गया था कि वो अब क्या कहेगी मैंने तो कह दिया मे तुमसे प्यार करता हूँ वो ना कहेगी या हा उस से मालूम करना हे वो मेरी बात सुनके हसने लगी और वहा से भाग गाई मैं भी थोड़ा भागा उसके साथ पर उसने कुछ नहीं बोला मैंने उसका भागना ही उसकी तरफ से हा माना और मैं बहुत खुश हो गया जिसके लिए लड़ाई करी थी आज उसने मुझे हा कह दी वैसे उसने मुझे हा नहीं कहीं थी पर मैंने मान लिया था कि वो मूझे हा कह गई है एक दिन ऐसा हुआ की वो मुझे बुला रही थी वो भी किसी बच्चे से अपने घर मैंने उस बच्चे से पूछा कौन बुला रहा हे मुझे बच्चे ने उसका नाम भी नहीं बताया और बोला एक दीदी थी उन्होंने ये नंबर दिया हे उनसे बात कर लेना और चलें जाना उनके घर बच्चे को उसने पढ़ा कर भेजा था की अगर वो नाम पूछें तो नाम मत बताना और भी अच्छी बात जिस लड़की से मैं प्यार कर रहा था उसका मुझे नाम भी नहीं मालूम था अब मे जाऊ भी तो कहा जाऊ किस्से पूछूँ उसके यहाँ जाना हे और हा जो नंम्बर दिया था उस पर भी नाम नहीं मैंने सोचा चलो ट्रू कोलर पर होगा मैंने कॉल करी तो उस पर लिखा था पापा की पन्छी मे बहुत खुश हुआ उसका नाम तो मालूम नहीं हुआ पर एक काम तो हो गया उसका नंबर तो मिल गया पर मै उसके घर के पास गया मेरी हिम्मत तो नहीं बनी कि उसके घर मे प्रवेश कर जाऊ मैं उसके घर के बहार से ही वापस आ गया और अपने घर पहुच गया पर उस दिन मुझे दिन भी बहुत बड़ा दिखाई दे रहा था क्योंकि मुझे उससे रात को जो बात करनी थी
फोन पर हुई पहली बात
जब मैंने उसे कॉल करी तो उसने फोन उठाया उस समय मेरी आवाज भी नहीं निकली जब उसने हलो बोला मालूम नहीं मेरे साथ क्या हो रहा था मुझे ऐसा मालूम हो रहा था कि किसी ने मेरा गला पकड़ रखा हो और छोड़ने का नाम ना हो मैं परेशान ह उसकी तरफ से आया अरे क्या हुआ बात नहीं करनी हे मे फोन काट दूँ बस क्या था इस शब्द को सुनकर मेरे गले मे आचानक से आवाज आ गाई मैंने उससे पहले उसका नाम जानने की कोशिश की तो वो हँस कर कहने लगी की फोन नाम के लिए ही किया था या और कुछ बात भी करनी हैं मैंने तापक से जवाब दिया नाम भी पूछना है और बात भी करना हे बस इस बात को बोल कर मे चुप हो गया और हम दोनों की हसीं छूट पड़ी और दोनों हँस ने लगे आगे बात होती तो उसके घर से कोई आ गया फिर हमारा फोन कट गया और सारी रात मुझे नीद नहीं आई मे सिर्फ उसके बारे मे सोच था रहा पर नाम अब भी मालूम नहीं हुआ
अगले दिन
सुबह वो स्कूल आई तो उसने मुझे खोजा मे उसे दिखाई नहीं दिया तो उसने राहुल को बुलाया और पूछा मेरे बारे मे कि वो कहा हे तेरा दोस्त राहुल हँसा और बोला मेरा दोस्त मालूम नहीं पर तुम्हारे दोस्त का मालूम हे वो अपने घर है उसे बुखार हेै बस उसने ये बात सूनी और स्कूल से बहार आ गाई और मुझसे मिलने मेरे घर आ गाई मेरे घर मे मेरे आस पास मेरी मम्मी थी जब मैंने उसे देखा तो मै डर गया वो यहाँ क्या करने आ गाई तभी उसे मम्मी देख लेती है मम्मी उसका नाम लेती हुई उसके पास आती है बस उसका नाम जानते ही मेरा भी बुखार ठीक हो गया उसका नाम मेरे लिए दवाई के रूप मे आया था चलो मे तुम्हें बता देता हूँ उसका नाम कोमल् त्यागी था और मैं भी अपना नाम बता देता हूँ और मे हूँ अंकुर त्यागी मे मम्मी से पूछता हूँ कि वो कोमल् को कैसे जानती है तो मम्मी उसके बारे मे मुझे बताती हे तो मे जान जाता हूँ वो रमेश फौजी अंकल की लड़की है फिर मम्मी ने कोमल के घर के बारे मे पूछा की बहन जी कैसी हे और भाई सहाब कैसे हे वो बस अपनी मम्मी के बारे मे बता कर चुप हो जाती हे तो मम्मी उससे पूछती हे भाई सहाब के बारे मे नहीं बताया तो वो रोने लग जाती हे मुझे बड़ा गुस्सा आता हे मम्मी पर मम्मी ने दिल दुखा दिया ना उसका बेचारी वो रोते हूँ बताती हे की उसके पापा शहीद हो गए देश के लिए अब उसकी मम्मी ही देखती हे घर बार का काम मुझे और मम्मी को बहुत बड़ा झटका लगता है और मुझे कोमल् से और भी ज्यादा प्यार हो जाता है ओर् मैंने भी सोच रखा है बड़ा होकर फौजी बनूँगा फिर जब मेरा बुखार ठीक हो जाता हे तो मे स्कूल जाता हूँ और अपने सारे दोस्तो को उसका नाम बताता हूँ और मुझे दूसरी तरफ से कोमल आती हुई दिखाई देती हे मैं भागकर उसके पास जाता हूँ वो मुझे देख कर बहुत खुश हो जाती है ऐसे खुश हो जाती है जैसे हम बहुत दिनों मे मिले हो और हा हम दोनों मे प्यार बहुत ही घरा हो जाता है।
क्या हम दोनों का प्यार ऐसे ही बरकरार रहेगा या खत्म हो जाएगा पढ़िए आगे मेरी कहानी,......
© Ankur tyagi
मै घावरा गया था कि वो अब क्या कहेगी मैंने तो कह दिया मे तुमसे प्यार करता हूँ वो ना कहेगी या हा उस से मालूम करना हे वो मेरी बात सुनके हसने लगी और वहा से भाग गाई मैं भी थोड़ा भागा उसके साथ पर उसने कुछ नहीं बोला मैंने उसका भागना ही उसकी तरफ से हा माना और मैं बहुत खुश हो गया जिसके लिए लड़ाई करी थी आज उसने मुझे हा कह दी वैसे उसने मुझे हा नहीं कहीं थी पर मैंने मान लिया था कि वो मूझे हा कह गई है एक दिन ऐसा हुआ की वो मुझे बुला रही थी वो भी किसी बच्चे से अपने घर मैंने उस बच्चे से पूछा कौन बुला रहा हे मुझे बच्चे ने उसका नाम भी नहीं बताया और बोला एक दीदी थी उन्होंने ये नंबर दिया हे उनसे बात कर लेना और चलें जाना उनके घर बच्चे को उसने पढ़ा कर भेजा था की अगर वो नाम पूछें तो नाम मत बताना और भी अच्छी बात जिस लड़की से मैं प्यार कर रहा था उसका मुझे नाम भी नहीं मालूम था अब मे जाऊ भी तो कहा जाऊ किस्से पूछूँ उसके यहाँ जाना हे और हा जो नंम्बर दिया था उस पर भी नाम नहीं मैंने सोचा चलो ट्रू कोलर पर होगा मैंने कॉल करी तो उस पर लिखा था पापा की पन्छी मे बहुत खुश हुआ उसका नाम तो मालूम नहीं हुआ पर एक काम तो हो गया उसका नंबर तो मिल गया पर मै उसके घर के पास गया मेरी हिम्मत तो नहीं बनी कि उसके घर मे प्रवेश कर जाऊ मैं उसके घर के बहार से ही वापस आ गया और अपने घर पहुच गया पर उस दिन मुझे दिन भी बहुत बड़ा दिखाई दे रहा था क्योंकि मुझे उससे रात को जो बात करनी थी
फोन पर हुई पहली बात
जब मैंने उसे कॉल करी तो उसने फोन उठाया उस समय मेरी आवाज भी नहीं निकली जब उसने हलो बोला मालूम नहीं मेरे साथ क्या हो रहा था मुझे ऐसा मालूम हो रहा था कि किसी ने मेरा गला पकड़ रखा हो और छोड़ने का नाम ना हो मैं परेशान ह उसकी तरफ से आया अरे क्या हुआ बात नहीं करनी हे मे फोन काट दूँ बस क्या था इस शब्द को सुनकर मेरे गले मे आचानक से आवाज आ गाई मैंने उससे पहले उसका नाम जानने की कोशिश की तो वो हँस कर कहने लगी की फोन नाम के लिए ही किया था या और कुछ बात भी करनी हैं मैंने तापक से जवाब दिया नाम भी पूछना है और बात भी करना हे बस इस बात को बोल कर मे चुप हो गया और हम दोनों की हसीं छूट पड़ी और दोनों हँस ने लगे आगे बात होती तो उसके घर से कोई आ गया फिर हमारा फोन कट गया और सारी रात मुझे नीद नहीं आई मे सिर्फ उसके बारे मे सोच था रहा पर नाम अब भी मालूम नहीं हुआ
अगले दिन
सुबह वो स्कूल आई तो उसने मुझे खोजा मे उसे दिखाई नहीं दिया तो उसने राहुल को बुलाया और पूछा मेरे बारे मे कि वो कहा हे तेरा दोस्त राहुल हँसा और बोला मेरा दोस्त मालूम नहीं पर तुम्हारे दोस्त का मालूम हे वो अपने घर है उसे बुखार हेै बस उसने ये बात सूनी और स्कूल से बहार आ गाई और मुझसे मिलने मेरे घर आ गाई मेरे घर मे मेरे आस पास मेरी मम्मी थी जब मैंने उसे देखा तो मै डर गया वो यहाँ क्या करने आ गाई तभी उसे मम्मी देख लेती है मम्मी उसका नाम लेती हुई उसके पास आती है बस उसका नाम जानते ही मेरा भी बुखार ठीक हो गया उसका नाम मेरे लिए दवाई के रूप मे आया था चलो मे तुम्हें बता देता हूँ उसका नाम कोमल् त्यागी था और मैं भी अपना नाम बता देता हूँ और मे हूँ अंकुर त्यागी मे मम्मी से पूछता हूँ कि वो कोमल् को कैसे जानती है तो मम्मी उसके बारे मे मुझे बताती हे तो मे जान जाता हूँ वो रमेश फौजी अंकल की लड़की है फिर मम्मी ने कोमल के घर के बारे मे पूछा की बहन जी कैसी हे और भाई सहाब कैसे हे वो बस अपनी मम्मी के बारे मे बता कर चुप हो जाती हे तो मम्मी उससे पूछती हे भाई सहाब के बारे मे नहीं बताया तो वो रोने लग जाती हे मुझे बड़ा गुस्सा आता हे मम्मी पर मम्मी ने दिल दुखा दिया ना उसका बेचारी वो रोते हूँ बताती हे की उसके पापा शहीद हो गए देश के लिए अब उसकी मम्मी ही देखती हे घर बार का काम मुझे और मम्मी को बहुत बड़ा झटका लगता है और मुझे कोमल् से और भी ज्यादा प्यार हो जाता है ओर् मैंने भी सोच रखा है बड़ा होकर फौजी बनूँगा फिर जब मेरा बुखार ठीक हो जाता हे तो मे स्कूल जाता हूँ और अपने सारे दोस्तो को उसका नाम बताता हूँ और मुझे दूसरी तरफ से कोमल आती हुई दिखाई देती हे मैं भागकर उसके पास जाता हूँ वो मुझे देख कर बहुत खुश हो जाती है ऐसे खुश हो जाती है जैसे हम बहुत दिनों मे मिले हो और हा हम दोनों मे प्यार बहुत ही घरा हो जाता है।
क्या हम दोनों का प्यार ऐसे ही बरकरार रहेगा या खत्म हो जाएगा पढ़िए आगे मेरी कहानी,......
© Ankur tyagi