भाग-1 मुझ से पहली सी मोहब्बत मेरे महबूब न माॅंग
भाग-1📑📚🖋️
.....आज यश और संजना को एक दूसरे से बात किए पूरे दो महीने बीत चुके थे। एक वक्त था जब दोनों एक पल भी बिना बात किए नहीं गुज़ार पाते थे,और एक ये दिन है जब दोनों के बीच ख़ामोशियों के अलावा कुछ नहीं है।
यश को आज संजना की बहुत याद आ रही थी, उसने खुद को इतना अकेला कभी महसूस नहीं किया था। वो अजीब सी कशमकश में था,और सोच रहा था कि क्या उसे संजना को मैसेज करना चाहिए, क्या संजना उसे माफ़ कर पायेगी, क्या सब कुछ पहले जैसा हो पाएगा?
इसी उलझन में उसने अपने फ़ोन पर फेसबुक ओपन कर,संजना के प्रोफाइल को सर्च किया। उसने रियलाइज़ किया की कभी जिस संजना का प्रोफाइल उसके मैसेंजर में सबसे ऊपर हुआ करता था, आज ऐसे दिन आ गये हैं , कि उसे उसका प्रोफाइल सर्च करना पड़ रहा है।
यह सब सोच उसे दुःख तो हुआ, पर उसने खुद को दिलासा देते हुए कहा कि सब ठीक हो जायेगा। यश ने मैसेंजर ओपन कर टाइप करना शुरू किया... "हाय, संजना कैसी हो?", मगर फिर उसने सोचा कि ये मैसेज कुछ ज्यादा ही फॉर्मल है, और उसने मैसेज सैंड करने से पहले ही...
.....आज यश और संजना को एक दूसरे से बात किए पूरे दो महीने बीत चुके थे। एक वक्त था जब दोनों एक पल भी बिना बात किए नहीं गुज़ार पाते थे,और एक ये दिन है जब दोनों के बीच ख़ामोशियों के अलावा कुछ नहीं है।
यश को आज संजना की बहुत याद आ रही थी, उसने खुद को इतना अकेला कभी महसूस नहीं किया था। वो अजीब सी कशमकश में था,और सोच रहा था कि क्या उसे संजना को मैसेज करना चाहिए, क्या संजना उसे माफ़ कर पायेगी, क्या सब कुछ पहले जैसा हो पाएगा?
इसी उलझन में उसने अपने फ़ोन पर फेसबुक ओपन कर,संजना के प्रोफाइल को सर्च किया। उसने रियलाइज़ किया की कभी जिस संजना का प्रोफाइल उसके मैसेंजर में सबसे ऊपर हुआ करता था, आज ऐसे दिन आ गये हैं , कि उसे उसका प्रोफाइल सर्च करना पड़ रहा है।
यह सब सोच उसे दुःख तो हुआ, पर उसने खुद को दिलासा देते हुए कहा कि सब ठीक हो जायेगा। यश ने मैसेंजर ओपन कर टाइप करना शुरू किया... "हाय, संजना कैसी हो?", मगर फिर उसने सोचा कि ये मैसेज कुछ ज्यादा ही फॉर्मल है, और उसने मैसेज सैंड करने से पहले ही...