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आज की जरुरत
आज में ऑफिस से घर लोटा तो बच्चों ने पूछा पापा ये लॉकडाउन क्या है ये क्यों लगा है इसे कौन लगाता है -ऐसे न जाने कितने ही सवाल पूछने लगे|पत्नि ने पूछा लॉकडाउन कब तक रहने वाला है पता नहीं-हमें राशन भर लेना चाहिए,क्या मालूम कब तक रहे |मैंने अपने किराने वाले से एक महीने का राशन देने को कह दिया है सुबह 6 बजे से पहले छोड़ जायेगा| हमारे ऑफिस से आधे कर्मचारीयों को ऑफिस न आने को कहा गया है-क्या मालूम क्या होने वाला है-सर कह रहे थे कोरोना वायरस के चलते 30% कर्मचारी ही ऑफिस में काम कर सकेंगे बाकि अनिश्चितकाल तक के लिए घर पर रहेंगे-कुछ समझ मे नहीं आ रहा है, क्या -क्या सपने देखे थे अपना छोटा सा चार कमरों का तीसरे माँले पर फ्लैट होगा, ऊपर बालकनी से हम लोगों को निचे देखेंगे, उनसे बात करेंगे-अब सब ख़तम हो गया है लगता है -ऊपर से कोरोना वायरस का भय अलग से सता रहा है सो अलग|मधु तुम खाना परोसो में बच्चों के साथ टीवी देख रहा हूं |मधु -प्रेम आप फ्रेश हो जाइये तभी बच्चों के पास जाइयेगा|यहाँ सोसाइटी में कुछ लोगों ने मास्क पहने हैँ कुछ बिना मास्क के घूम रहे हैं-मै मार्किट गयी थी मेडिकल स्टोर से मास्क लायी हूं -मेडिकल स्टोर में सेनेटाइज़र भी रखे थे शौपकीपर ने बताया की आप इसे ले जाइये, इससे हाथो धोइयेगा-यह संक्रमण फैलने से रोकता है|अभी सभी इस सेनेटाइज़र से हाथ धोएंगे|प्रेम -मधु तुमने यह अच्छा किया|प्रेम, मधु, सिया, ह्रदय चारों ने डाइनिंग टेबल पर खाना, खाना शुरू किया-खाना खाने के बाद सभी टीवी पर न्यूज़ देखने लगे|न्यूज़ में दो सौ कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या दिखाई जा रही थी-न्यूज़ देखते हुए प्रेम मधु भविष्य के विषय में सोच रहे थे|इस समय कुदरत कितनी दूषित है महानगरों के प्रदुषण से स्पष्ट दिखायी देता है, ऐसे में वायरस हमें कहाँ जीने देगा-जीवन की बागडोर अपने हाथों मे रखनी होगी-आप सलामत सब सलामत| जय हिन्द !
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